1 जुलाई से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव हो चुके हैं। इस देश में औपनिवेशिक काल के कानून का अंत 1 जुलाई से हो चुका है। भारत में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ब्रिटिश काल के क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान ले चुके हैं। आधुनिक दौर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग को प्रासंगिक बनाने के लिए जीरो FIR जैसी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था के साथ-साथ अब एसएमएस के माध्यम से सम्मन भेजने की व्यवस्था हो चुकी है वहीं गंभीर अपराधों के वारदात स्थल की वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में पुलिस अधीक्षक उमरिया निवेदिता नायडू के मार्गदर्शन में जिले के समस्त थाना और चौकी परिसर में 1 जुलाई को नए कानून को आम जनता तक पहुंचने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
वही जो पूरे उमरिया जिले में इस कानून को लेकर के कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान उमरिया जिले के नौरोजाबाद थाना परिसर में एक अपराध दर्ज किया गया है। अपराध तो वैसे सामान्य रूप से गालीगलौज कर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देने का है। लेकिन बदले हुए धाराओं के स्वरूप में इस अपराध के बारे SDOP पाली शिवचरण बोहित ने विस्तार से बताया है.
एसडीओपी पाली शिवचरण मोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त अपराध आशीष रजक पिता शिवचरण रजक उम्र 25 वर्ष निवासी विंध्या कॉलोनी थाना नौरोजाबाद की शिकायत पर 3 आरोपियो योगेश सिंह, संजय सिंह और शिव मुकुंद निवासी विंध्या कॉलोनी के खिलाफ गालीगलौज कर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देने का दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ नौरोजाबाद थाने में अपराध क्रमांक 299/ 24 के तहत बीएसएस की धारा 296, 115 (2), 3 51(2) के तहत यहां मामला दर्ज किया गया है।
एसडीपी पाली में आगे बताया कि BNS के अनुसार
- 299 गालीगलौज करने की धारा है, जो कि पहले IPC के अनुसार 294 थी।
- 115(2) मारपीट करने की धारा है जो कि पहले IPC के अनुसार 323 थी।
- 351(2) जान से मारने की धमकी देने की धारा है, जो कि पहले IPC के अनुसार506 थी।
इसके अलावा 1 जुलाई को एक मर्ग की कायमी चंदिया थाना में की गई है। मर्ग की कायमी सीआरपीसी की धारा 174 के तहत की जाती थी जो कि अब BNSS की धारा 194 के तहत की गई है।