Highlights
- क्षेत्रीय नागरिकों को SECL के खाली पड़े मकानों का मालिकाना हक दिया जाए
- एसईसीएल की खाड़ी पाली जमीन को मध्य प्रदेश शासन को विकास कार्य के लिए सुपुर्द की जाए
- बंद कोयला खदानें को पुनः शुरू किया जाए।
उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की रहवासी कॉलोनी में अधिकतर कालोनियां इन दोनों खंडार में तब्दील होने की कगार पर हैं। CIL LEVEL में नई नियुक्तियां कम हो रही है वहीं रिटायरमेंट हर वर्ष होते जा रहे कर्मचारियों के कारण नौरोजाबाद कालरी क्षेत्र में आवासीय कालोनियां अधिकतर खाली पड़ी हुई है। खाली पड़े आवासों में आपराधिक गतिविधियों की होने की संभावना भी लगातार नगर में बढ़ती जा रही है। एक ऐसा समय भी था जब बांधवगढ़ विधानसभा नौरोजाबाद के नाम से जानी जाती थी। नौरोजाबाद का अस्तित्व बचा रहे उक्त मामले को लेकर के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह ने केंद्रीय कोयला मंत्री डी किशन रेड्डी से नई दिल्ली जाकर के मुलाकात की है। बांधवगढ़ विधायक ने मांग की है कि
नौरोजाबाद के अस्तित्व को बचाने सामने आए बांधवगढ़ विधायक केंद्रीय कोयला मंत्री के सामने रखी ये महत्वपूर्ण मांगे@CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/DMo2nmJtmo
— Khabarilal (खबरीलाल) (@khabarilalg) July 31, 2024
खाली पड़े आवास और जमीन करें प्रदेश शासन को सुपुर्द
बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कोल इंडिया SECL जिला क्षेत्र उमरिया के अंतर्गत उमरिया नगर, पाली नगर, नौरोजाबाद नगर में SECL भूमि एवं भवन खाली हैं। मध्य प्रदेश शासन की भूमि ना होने की वजह से क्षेत्रीय विकास जैसे बारात घर, स्कूल भवन,ऑडिटोरियम,सीएम राइज स्कूल,VIP गेस्ट हाउस प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य सरकारी प्रयोजन हेतु SECL की भूमि एवं भवन जो अनुपयोगी हैं उसे राज्य शासन को समर्पित करने की मांग विधायक बांधवगढ़ ने केंद्रीय कोयला मंत्री से की है।
वर्षों से निवासरत लोगो को मिले जमीन का मालिकाना हक
विधायक बांधवगढ़ ने आगे लिखा है कि SECL क्षेत्र में बीते कई दशकों से आवास और दुकान बनकर रह रहे लोगों को जमीन का मालिक आना हक नहीं मिला है। जिससे वह प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित हैं।
खाली पड़े आवास हो रहे हैं क्षतिग्रस्त
विधायक बांधवगढ़ ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि SECL कर्मचारी आवास जो अच्छी स्थिति में है किंतु कर्मचारी रिटायरमेंट होने के कारण उक्त आवास को SECLकंपनी को वापस कर अपने गांव और नगर जा चुके हैं।ऐसे सैकड़ो आवास खाली पड़े हुए हैं। देख-रेख ना होने के अभाव में यह आवास अब क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं इन आवासों को कर्मचारी पूर्व कर्मचारी या क्षेत्रीय नगरों को मालिकाना हक दिया जाए जिससे नगर नौरोजाबाद का स्थायित्व के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास की पूर्ति भी हो सके।
बंद खदाने दोबारा शुरू की जाएँ
विधायक ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि नौरोजाबाद नगर कोल माइंस के कारण स्थापित है, परंतु अधिकांश कोयला खदान बंद स्थिति में है जबकि अभी भी कोयला भारी मात्रा में उपलब्ध है। यदि पुनः इन कोयला खदानों को शुरू किया जाता है तो रोजगार के साथ-साथ नगर की मूलभूत स्थिति में भी सुविधा सुधार होगा जिससे नौरोजाबाद का स्थायित्व बना रहेगा।
गौरतलब है कि 2016-17 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान के द्वारा नौरोजाबाद में SECL की जमीन पर निवासरत लोगों को अधिकार पत्र सौंपे गए थे। लेकिन इस अधिकार पत्र के दम पर नगर में निवासरत किसी भी नागरिक को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया। यदि एसईसीएल की खाली पड़ी जमीन सहित खाली पड़े आवासीय कॉलोनी को विधायक बांधवगढ़ की मंशा अनुसार SECL राज्य सरकार को सौंपती है तो निश्चित रूप से नगर के उन्नयन और विकास में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।