नौरोजाबाद के रामलीला मैदान में धू-धू कर जला रावण खुले सेफ्टिक टैंक में गिरे कई ग्रामीण

उमरिया जिले के नौरोजाबाद के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में बीते 80 वर्षों से रामलीला का मंचन होता चला आ रहा है। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजयदशमी के पर्व पर रामलीला के ऐतिहासिक मैदान में जैसे ही भगवान राम ने तीर छोड़ा बुराई का प्रतीक रावण कुछ ही समय में जलकर खाक हो गया। मां दुर्गा की झांकियां को देखने के बाद नगर सहित आसपास के कई ग्रामों की हजारों की संख्या में आमजन की मौजूदगी रामलीला मैदान में आज रही।

लेकिन रामलीला मैदान में मौजूद हजारों की संख्या में नागरिक को ग्राउंड से बाहर निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। तीन बत्ती की ओर गेट में बैरिकेटिंग कर दिए जाने से जहां महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को निकालने में काफी समस्या का सामना करना पड़ा। वही रामलीला स्टेज के बगल से सड़क की ओर जाने वाले मार्ग पर संकीर्ण गेट लगा कर आमजन को मुसीबत में डाल दिया गया।संकीर्ण गेट पर जाम की स्थिति निर्मित हो जाने के कारण सैकड़ो की संख्या में छोटे-छोटे बच्चे महिलाएं और पुरुष बाउंड्री को कूद कर मैदान के बाहर निकल पाए

रामलीला में मौत का कुआँ में गिरे दर्जनों नागरिक

उमरिया जिले के नौरोजाबाद के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में विजयादशमी के पर्व पर विशेषरूप से रावण दहन कार्यक्रम को देखने के लिए नगर सहित दूरदराज के नागरिक एकत्र होते है। रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में नागरिक मौजूद रावण दहन देखने के लोग एकत्र हुए थे।रावण दहन के ठीक बाद ग्राउंड से निकलने के लिए स्टेज के ठीक बगल में मौजूद छोटे गेट में ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।जिस गेट से एक समय मे एक व्यक्ति ही निकल सकता है। साथ ही गेट के पास सेफ्टिक टैंक का खुला हुआ एरिया मौत का कुआँ आमजन के लिए मौत का कुआँ बन गया क्योंकि अनियंत्रित भीड़ जब गेट से नही निकल पाई तो गेट के पास मौजूद सेफ्टिक टैंक का खुला हुआ एरिया जिसमे कई बच्चे और बड़े गिर गए।यहाँ तक को एक महिला मासूम बेटी को गोद मे लिए हुए गिर गई लेकिन पास खड़े एक सज्जन ने समय रहते उन्हें पकड़ लिया।जिससे महिला के सिर्फ पैर में चोट आई।नही तो बड़ी अनहोनी घटित हो जाती।

विजयादशमी के कई दिनों पहले मैनेजमेंट में जुटी टीम को मौत का कुआँ नुमा सेफ्टिक टैंक का गड्ढा दिखाई न देना आश्चर्यजनक है।

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