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कौन होगा BJP उमरिया जिलाध्यक्ष ? ये है मजबूत दावेदार

कौन बनेगा करोड़पति में तो उमरिया के विराट चतुर्वेदी ने जिले का नाम तो रोशन कर दिया है।लेकिन कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर पूरे उमरिया जिले में यह प्रश्न उठ रहा है कि कौन बनेगा भाजपा जिलाध्यक्ष उमरिया ? ...

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Sanjay Vishwakarma

कौन होगा BJP उमरिया जिलाध्यक्ष ? ये है मजबूत दावेदार

कौन बनेगा करोड़पति में तो उमरिया के विराट चतुर्वेदी ने जिले का नाम तो रोशन कर दिया है।लेकिन कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर पूरे उमरिया जिले में यह प्रश्न उठ रहा है कि कौन बनेगा भाजपा जिलाध्यक्ष उमरिया ? हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा खेमे में पसरा हुआ सन्नाटा अब हलचल में तब्दील हो गया है। सदस्यता अभियान शुरू होने के साथ ही अपनी महत्वाकांक्षा को सकारात्मक परिणाम देने के लिए सदस्यता अभियान को करने के साथ-साथ अपनी दावेदारी को पेश करने के लिए मंडल स्तर के साथ-साथ जिला अध्यक्ष के लिए संभावित दावेदार उचित प्लेटफार्म के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी अपने दावेदारी पेश करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार यही तथ्य सामने आ रहे हैं कि पहले मंडल फिर जिला और उसके बाद प्रदेश के अध्यक्ष बदले जाएंगे लेकिन अगर प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा पहले हो गई तो जिले में जिला अध्यक्ष की दावेदारी करने वाले दावेदारों की मेहनत पर पानी भी फिर सकता है।फिलहाल जिला मुख्यालय उमरिया सहित पाली,नौरोजाबाद और चंदिया क्षेत्र से कई भाजपा नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश करनी की जुगत में है। हालांकि कुछ नेता कार्तिकेय की भांति ब्रह्मांड के चक्कर मतलब दिल्ली और भोपाल की परिक्रमा कर रहे है या कर चुके है या करने ही वाले है। जैसे गणेश ने भगवान शिव और पार्वती को ही बृह्मांड मानकर उनकी परिक्रमा कर लिए थे उन्ही का अनुसरण करते हुए कुछ नेतागण स्थानीय राजनैतिक स्तंभों की गणेश परिक्रमा कर अपनी राजनैतिक स्थिति को मजबूत करने में जुटे हुए है।तो कुछ नेताओ ने तो कार्तिकेय और गणेश को पीछे छोड़ते हुए दोनों का अनुसरण करते हुए अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए दिल्ली,भोपाल के साथ -साथ स्थानीय राजनैतिक स्तंभों की परिक्रमा भी कर डाली है। तो कुछ ऊर्जावान नेता एकलव्य की भांति तमाम स्तंभों की परिक्रमा पर न कर अपने जंगी वर्किंग स्टाइल को अपनी ताकत मानते हैं खुद की महात्त्वत्वता साबित करना चाहते है, संगठन उनकी ओर स्वमेव ध्यान देगा और उन्हें जिले की कमान आने वाले 3 साल के  लिए सौंप दी जाएगी। हालांकि इन सब से इतर वर्तमान जिलाध्यक्ष भी अपनी उपलब्धियों को गिनाकर पुनः बागडोर संभालने की मंशा रखते है।

खैर उमरिया की आम और खास जनता जानना चाहती है कि अगला भाजपा जिलाध्यक्ष कौन होगा और कई नामो की चर्चा पक्ष और विपक्ष के साथ- साथ राजनैतिक गलियारों में हो रही है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जिला मुख्यालय उमरिया में भाजपा संगठन की सेहत थोड़ी नासाज मालूम पड़ रही है।इस बात का ठीकरा जिला मुख्यालय के भाजपा नेताओं पर पूरा का पूरा फोड़ना सही नही होगा क्योंकि कांग्रेसी खेमे में पूर्व विधायक की ताजपोशी जिला संगठन के मुखिया के रूप में होने के बाद विपक्ष में कांग्रेस के रहने के वावजूद भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के उत्साह में ईजाफा हुआ है।तो यह तो साफ है कि संतुलन के सिंद्धान्त के अनुसार अगर उत्साह कहीं बढ़ेगा तो कही तो घटेगा जरूर और हुआ भी यही जिला मुख्यालय में भाजपा सिर्फ संगठन के कैलेंडर को फॉलो करती हुई नजर आई है।ऐसा राजनैतिक जानकारों का मानना है।मेरा क्या मैंने जो सुना उसे लिखने का प्रयास कर दिया।

चंदिया क्षेत्र से ये हो सकते है दावेदार

आइए कुछ नाम जिनका जिक्र खूब हो रहा है उन नामों की चर्चा आज कर लेते है।शुरुआत करते है चंदिया क्षेत्र से, चंदिया क्षेत्र से वर्तमान जिला कार्यकारणी में किसी भी नेता का न होना खूब चर्चा का विषय बना रहा हालांकि अब जब संगठन चुनावों का आगाज हो चुका है ऐसे में चंदिया क्षेत्र की दावेदारी आना कई मायनों में स्वाभाविक है।अधिकतर विधानसभा चुनाव में भाजपा को लीड देने वाला चंदिया दावेदारी के मामले में इस बार मुखर होकर सामने आएगा। बताया जा रहा है पिछले संगठन चुनाव में भाजपा जिलाध्यक्ष के दावेदार के रूप में आए रामनारायण पयासी और भाजपा नेता चंद्र प्रकाश द्विवेदी चंदिया क्षेत्र से दावेदारी कर रहे हैं।विश्व हिन्दू परिषद के रास्ते भाजपा में पैठ बनाने वाले एक ओर जहाँ रामनारायण पयासी हैं वही प्रदेश प्रतिनिधि से लेकर जिला संगठन में कई भूमिकाओं का निर्वहन कर चुके पेशे से अधिवक्ता भाजपा नेता चंद्रप्रकाश द्विवेदी भी इस बार दावेदारी के फूल मूड में दिखाई दे रहे है।बताया जा रहा है कि इन दोनों दावेदारों में कोई एक दावेदार जिले के दिग्गज भाजपा नेताओं की गुड लिस्ट में शामिल है। पिछली बार जिला संगठन से चंदिया क्षेत्र के नेताओ की दूरी इस बार के चुनाव के बाद दूर होगी या नही यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा।

पाली क्षेत्र से वर्तमान जिलाध्यक्ष के अलावा कोई नाम नही 

पाली क्षेत्र के कई भाजपा नेताओं ने खुद को दावेदार माना ही नही तो कई नेताओं ने कहा कि वर्तमान जिलाध्यक्ष ही पाली क्षेत्र से एक मात्र नेता के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए पुनः दावेदार के रूप में सामने आएंगे वही भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप पांडेय की बात करें तो प्रदेश नेतृत्व ने उम्र दराज नेताओ को किनारे कर प्रदेश में एक जो नई लाइन खड़ी की थी,उसी पंक्ति के एक नेता के रूप में दिलीप पांडेय सामने आए थे। बताया जा रहा है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष भी खुद को रेस में मान रहे है। अब आगे आने वाले समीकरणों पर वर्तमान जिलाध्यक्ष का आना न आना तय करेगा।मानपुर क्षेत्र से हरीश विश्वकर्मा भी खुद को दावेदार मान रहे है।

नौरोजाबाद क्षेत्र से पूर्व जिलाध्यक्ष सहित कुल 2 नाम 

नौरोजाबाद क्षेत्र से पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष सिंह की दावेदारी भी किसी मायने में कम नही आंकी जा रही है। सूत्रों की माने तो नेताजी की लॉबिंग कदम ताल मिलाकर चल रही है।एक बार भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में दायित्यों का निर्वहन कर चुके नेताजी इस बार के संगठन चुनाव में प्रबल दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं। वही नौरोजाबाद नगर से भाजपा नेता अशोक तिवारी भी पुनः इस बार अपनी किस्मत आजमाने की जुगत में हैं।लगभग सभी भाजपा जिलाध्यक्षों के साथ जिले की टीम में काम लर चुके अशोक तिवारी दावेदार माने का रहे है।

जिला मुख्यालय उमरिया के प्रबल हैं आसार 

बीते 2 संगठन चुनाव से जिलाध्यक्ष का पद नौरोजाबाद और उसके बाद पाली जाने के बाद इस बार राजनैतिक जानकार मान रहे हैं कि भाजपा जिलाध्यक्ष इस बार मुख्यालय से बनाया जाना तय है।जिला मुख्यालय में सबसे चर्चित नामों में से एक नाम मान सिंह का माना जा रहा है, मान सिंह युवामोर्चा जिलाध्यक्ष की कमान सँभालने के बाद बीते कई सालों से भाजपा की फ्रंट राजनीति से इतर संघ के कामों में कई वर्षों से अपनी निष्ठा जताते चले आ रहे है। जानकार मान रहे हैं की संघ की और से मान सिंह एक मजूबत नाम हो सकता है,वही भाजपा संगठन की एक रीति रही है कि जिले का महामंत्री जिलाध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार होता है ऐसी ही हसरत को दिल मे संजोय हुए जिला महामंत्री भाजपा दीपक छतवानी देखे जा रहे है।दीपक छतवानी जो कि पूर्व में संगठन चुनाव के दौरान युवामोर्चा जिलाध्यक्ष पद के दावेदार के रूप में देखे जा रहे थे लेकिन उस दौर में पुष्पेंद्र गौतम के नाम की घोषणा के बाद अटकलों में विराम लग गया था।लेकिन दीपक छतवानी के दावेदारी भी काफी चर्चित बनी हुई है, इसके साथ ही एक लंबे अरसे लगभग 12 वर्षों तक युवामोर्चा जिलाध्यक्ष के रूप में लंबी पारी खेलने वाले भाजपा नेता ज्ञानेन्द्र सिंह की दावेदारी भी तय है।विद्यार्थी परिषद् से शुरू हुआ एक लम्बा राजनैतिक सफ़र में वर्तमान में लगा विराम हटेगा या नही यह तो नेताजी के संघर्ष पर निर्भर करता है, इसके साथ ही जिला मुख्यालय से भाजपा नेता धनुषधारी भी दावेदार के रूप में सामने आएंगे ऐसा माना जा रहा है। 

एक नजर में 

हाल ही में प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित कई दिग्गजों ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नए सफ़लतम प्रयोगात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि पिछली बार भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए 50 और मण्डल अध्यक्ष के लिए 40 की उम्र का मापदंड तय किया गया था।यह काफी सफल रहा। 

यदि इस बार भी यह मापदंड आधार माना जाएगा तो फिर एकबार दावेदारों की एक बड़ी फेहरिस्त को निराशा हाथ लग सकती है। कई जानकरो का कहना है कि इस बार उम्र का मापदंड आड़े नही आएगा तो कई ऐसा भी कहते हैं कि नई पीढ़ी का नेत्त्रव जब खड़ा हो चूका है तो प्रदेश संगठन इसे आगे ही लेकर जाएगा नाकि दोबारा सीनियर कैडर को सामने लाकर बीती मेहनत पर पानी फेर देगा.हालाकिं मापदंड क्या था यह तो घोषणा के बाद ही पता चल पाएगा.

किसकी कितनी उम्र

सोशल मीडिया एकाउंट में अपडेट के आधार पर उम्र का आंकड़ा देखा जाए तो 5 ऐसे दावेदार हैं जो 50 कि उम्र से काफी कम है वही एक दावेदार 50 की उम्र आसपास हैं और 4 दावेदार 55 की उम्र के पार है।अगर Age Magic चला तो जिला मुख्यालय सहित चंदिया का पलड़ा भारी हो सकता है।और अगर बैलेंस बनाने में पूर्व जिलाध्यक्ष सफल रहे तो वो भी बाजी मार सकते है। लेकिन यदि Age Magic का असर नही दिखा दावेदारों की संख्या बढ़ सकती है।

  • रामनारायण पयासी 46+
  • चंद्रप्रकाश द्विवेदी 55+
  • मान सिंह 46+
  • मनीष सिंह 52+
  • अशोक तिवारी 55+
  • दिलीप पांडेय 43+
  • धनुषधारी सिंह 60+
  • हरीश विश्वकर्मा 60+
  • दीपक छतवानी  44+ 
  • ज्ञानेंद्र सिंह 45 +

तमाम दावेदारों में 2 ऐसे दावेदार है,जिन्हें पूर्व सांसद एवं पूर्व जनजातीय कार्य मंत्री की पसंद माना जा रहा है।वही कुछ ऐसे दावेदार भी हैं जो आसपास के जिलों के छत्रपों के काफी नजदीक है ऐसे में उनकी दावेदारी को कम आंकना नही चाहिए।कुछ दावेदार नीति निर्धारण संगठन के गुड लिस्ट के भी है। वही कुछ दावेदार अनुभव की एक लंबी फेहरिस्त के साथ मैदान में है, कुल मिलाकर संघ, संगठन और सत्ता पक्ष का समग्र आशीर्वाद प्राप्त करने में जो सफल होगा वही भाजपा जिलाध्यक्ष बन पाएगा।

यदि आप भी दावेदार है और आपका नाम इस लेख में नही है तो बिना निराश हुए लगे रहिए।क्या पता अगले जिलाध्यक्ष आप ही हों ?

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