MP News : वर्ष 2001 में सब टीवी पर एक काफी चर्चित कार्यक्रम शुरू हुआ था। नाम था ऑफिस- ऑफिस। व्यंग्यात्मक शैली में शुरू हुए इस टीवी प्रोग्राम के माध्यम से कार्यालय के भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार करने का काम किया गया था। मुसद्दीलाल और उनकी टीम के माध्यम से दिखाया गया था कैसे कार्यालय में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन चुका है। इन दिनों उमरिया जिले में भी एक कार्यालय बड़ी तेजी से चर्चा में बना हुआ है नाम है नगर परिषद नौरोजाबाद.
कर्मचारियों से ज्यादा बाहरी तत्वों की भीड़
उमरिया जिले के नगर परिषद नौरोजाबाद मे जब किसी जरूरी काम से कोई आम नागरिक पहुचता है तो वह इस कुछ समय तक इसी कंफ्यूजन में रहता है कि कौन कर्मचारी है और कौन बाहरी व्यक्ति। नगर परिषद में इन दिनों गैर जरूरी तत्वों का जमवाड़ा लगा रहता है। नाम सार्वजनिक न करने के शर्त पर कुछ कर्मचारियों ने बताया कि अधिकारियों के अलावा हमें ऐसे बाहरी तत्वों का प्रेशर भी रहता है, जो सुबह 9:00 देर रात तक कार्यालय में डेरा जमा कर रखते हैं।
शाम होते ही शुरू होता है ‘पार्टी टाइम’
यही नहीं विश्वत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद नौरोजाबाद का परिसर देर शाम साहब की रवानगी डलते ही मयखाने में तब्दील हो जाता है। नगर परिषद नौरोजाबाद में पूरे कार्यालयीन घण्टो में बाहरी तत्वों का जमवाड़ा नगर नौरोजाबाद में किसी भी नागरिक से छिपा नहीं है। इससे न केवल कर्मचारी की वर्किंग टाइम के दौरान उनके काम की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है।
परिषद अध्यक्ष करें भी तो क्या करें
इस मामले को लेकर जब नगर परिषद नौरोजाबाद की अध्यक्ष श्रीमती कुशल सिंह से बात की गई तो उन्होंने भी माना की कार्यालय में ये तमाम विसंगतियां है।
कराएं जायगे सीसीटीवी कैमरे चेक
उक्त मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी शिव प्रसाद धुर्वे से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि कार्यालय में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज दिखवाएँ जाएगें।अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या उन जगहों पर भी कैमरे मौजूद है जहां ऐसे कारनामो को अंजाम दिया जाता है।लेकिन बताया जा रहा है कि अब नए साहब के आने के ऑफिस में माहौल सख्त है।
क्या रुकेगा यह गड़बड़झाला
सीएमओ साहब के द्वारा मामले को संज्ञान में लेने के बाद क्या नगर परिषद नौरोजाबाद में पुनः ऐसा माहौल निर्मित हो पाएगा जहां एक आम आदमी आकर के अपना काम सरलता सहजता से काम करवा सके।और ऐसे बाहरी तत्व जिनकी कार्यालय में उपस्थिति स्टाफ से ज्यादा बनी रहती है।उन पर लगाम जरूर लगेगा। नगरवासी कयास लगा रहे है कि शायद अब अवांछित तत्वों की कार्यालय में बेवजह मौजूदगी कम होगी और देर शाम कार्यालय में होंने वाली पार्टियों पर भी लगाम लगेगी।












