यूं तो कलेक्टर का एक अपना रुतबा होता है,लेकिन अपनी उदार कार्यशैली के कारण इस ओहदे पर पहुचने के बाद भी अपनी सरलता और सहजता से कई अधिकारी आमजन के दिल जीत लेटव है ऐसा ही एक वाक्या आज धार में देखने को मिला है जब धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की संवेदनशीलता अपने वाहन से जा रहे थे उस दौरान विकलांग बल को कलेक्ट्रेट में बैठे देख कर कलेक्टर ने अपना वाहन रोका विकलांग बल की समस्या को सुनने के लिए जमीन पर बैठे कलेक्टर और एक एक समस्या को सुना और दिया आश्वासन
विकलांग बल के सदस्यों ने कहा संवेदनशील कलेक्टर जमीन पर बैठकर हमारी समस्या को सुना
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धार के कलेक्ट्रेट में आज विकलांग बल मध्य प्रदेश के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पदयात्रा निकाली गई यह पदयात्रा तकरीबन 1 किलोमीटर तक विकलांगों के द्वारा निकाली गई।16 सूत्री मांगों को लेकर यह पदयात्रा निकाली गई।
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यह पदयात्रा जैसे ही कलेक्ट्रेट पहुंची उस दौरान जन सुनवाई समाप्त हो चुकी थी धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा कलेक्ट्रेट से अपनी कार से जा रहे थे जैसे ही उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के बाहर विकलांग बल के लोगो को देखा तुरंत कार से नीचे उतर कर उनके पास जमीन पर बैठ गए और कहा कि हां बताइए मैं आपकी क्या समस्या हल कर सकता हूं इस पर वहां बैठे विकलांगों ने कलेक्टर को अपनी समस्या बताई 16 सूत्री मांग रखी कलेक्टर ने एक-एक मांग पड़ी जिसमें से जो मांग जिला स्तर पर पूरी हो सकती है उस मांग के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं कुछ कर सकता हूं वही जो प्रदेश स्तर का मैटर है उस पर उन्होंने कहा कि मैं यह आपका ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा वही विकलांगों की मुख्य मांग थी कि उनकी पेंशन को बढ़ाया जाए ₹5000 प्रति माह किया जाए वही सभी विभागों में दिव्यांगों के रिक्त पदों को बैकलॉग भर्ती के माध्यम से भरा जाए दिव्यांगों को ₹500000 तक का लोन अनिवार्य रूप से दिया जाए एकल खिड़की की व्यवस्था की जाए विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए इस तरह से कई माह 16 मांगों को लेकर दिव्यांग बल के द्वारा धार कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया
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वही विकलांग बल के सदस्यों ने कहा कि हमारे जिले के कलेक्टर संवेदनशील है और आज उन्होंने हमारे साथ जमीन पर बैठकर हमारी समस्या को सुना जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है और इससे हमें बल मिला है हमारा मनोबल बड़ा है।
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