जिला अस्पताल में सायरन बजाती हुई एंबुलेंस पीपीई किट पहनकर मरीज को उपचार के लिए ले जाते हुए स्वास्थ्यकर्मियों को देखकर पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई.
लेकिन जब अस्पताल में भर्ती मरीज एवं उनके परिजनों को पता चला कि यह प्रक्रिया कोरोना मॉक ड्रिल की थी, तब कहीं जाकर उन्होंने राहत की सांस ली.
देश-प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए शाजापुर में स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर आ गया है. इसी को लेकर आज जिला अस्पताल में स्वास्थ्य अमले द्वारा मॉक ड्रिल की गई. करीब दो साल बाद जिला अस्पताल का कोविड वार्ड डमी मरीज के लिए खोला गया.
सायरन बजाती एंबुलेंस जैसे ही मरीज को लेकर अस्पताल पहुंची, तो पीपीई किट पहने स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उसे स्टे्रचर पर लेटाया और सीधे कोविड वार्ड में लेकर पहुंचे. यहां कोरोना पॉजिटिव मरीज के उपचार की प्रक्रिया के लिए मॉक ड्रिल की गई.
बता दें कोरोना की पहली लहर में जिलेवासियों ने सख्त लॉकडाउन का सामना किया, जबकि दूसरी लहर में शाजापुर जिले में काफी जनहानि हुई थी. करीब दो साल बाद अब फिर से कोरोना के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढऩे लगी है. जिसने सभी की चिंता बढ़ा दी है. जिले में तीसरी लहर ना आए, इसको लेकर स्वास्थ्य अमला अभी से अलर्ट हो गया है.
यदि परिस्थिति बिगड़ती भी है, तो जिला अस्पताल ने 54 बेड का एक अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. साथ ही ऑक्सीजन की कमी ना रहे, इसके लिए जिला अस्पताल परिसर में बने दो ऑक्सीजन सेंटरों को अपडेट कर उसमें रिफिलिंग कराई गई है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि दूसरी लहर जैसी तीसरी लहर आने की संभावना काफी कम है. क्योंकि लोगों में वैक्सीनेशन के बाद इम्यूनिटी बढ़ गई है. वहीं पूरे प्रदेश में शाजापुर जिला वैक्सीनेशन के मामले में नबंर वन है.