अपनी ही 11 साल की बेटी से दुष्कर्म के मामले में एमपी के सागर में एक कलयुगी पिता को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई है। खुरई के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट के विषेष न्यायाधीश आशीष कुमार शुक्ला की न्यायालय ने एक कलयुगी पिता को अपनी ही 11 साल की बेटी से 6 माह तक दुष्कर्म करने के मामले में अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।
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इस मामले में न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाते हुये टिप्पणी की है कि तुम इंसान नहीं जानवर हो यदि जानवर नहीं हो तो इंसान भी नहीं हो। दरअसल बांदरी थाना क्षेत्र के एक गांव का है। एक 11 वर्षीय बेटी 2 अप्रेल 2021 को जब अपने ही पिता के खिलाफ जब दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने पहुंची तो पूरा पुलिस थाना सकते में आ गया। पीड़िता के बयानो के आधार पर पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म की विभिन्न धाराओं सहित पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था।
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मामले की सुनवाई में न्यायालय ने आरोपी पिता को दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास और पाक्सो एक्ट की धारा 6 में अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। जानकारी देते हुये जिला अभियोजन अधिकारी वृंदा चौहान ने बताया कि इस मामले को देश के रेयर आफ रेयरेस्ट मामला माना जा सकता है। एक कलयुगी पिता को न्यायालय ने उचित सजा सुनाई है।
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Article By Aditya