World Tiger Day के दिन आयेंगे बाघों के राज्यवार आकड़े वनमंत्री का दावा मध्यप्रदेश फिर बनेगा Tiger State

World Tiger Day  : शानदार लेकिन लुप्तप्राय बड़ी बिल्ली के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। शनिवार  9 जुलाई 2023 को हम 13वां विश्व या अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने जा रहे हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना और उनकी लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाना है।

प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मैसूर में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था,इस समारोह में पीएम मोदी ने बाघों की संख्या के नए आंकड़ों का भी ऐलान किया था. इसके मुताबिक, साल 2022 में देश में बाघों की संख्या 3167 थी। पिछले 4 साल में 200 बाघ बढ़े हैं. इससे पहले 2018 में यह संख्या 2967 थी. आपको बता दें कि बाघों की संख्या का डेटा हर चार साल में जारी किया जाता है।

विश्व बाघ दिवस के दिन जारी होंगे राज्यवार आकडे

29 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है, ईसी विश्व बाघ दिवस के दिन भारत में बाघों के राज्यवार आकडे घोषित किए जाएगे. वनमंत्री विजय शाह का दावा है कि  मध्य प्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का खिताब मिलेगा. राज्य में 700 से अधिक बाघ होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2022 में राज्य में 526 बाघ देखे गए थे।

वन मंत्री का दावा MP फिर बनेगा टाइगर स्टेट

विश्व बाघ दिवस के एक दिन पहलेही मप्र के वन मंत्री विजय शाह ने दावा कर दिया है. मंत्री शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मप्र में बाघों के संरक्षण में जो काम किया है उसे दुनिया में किसी ने नहीं किया. रिजल्ट तो रिजल्ट ही होता है पर अभी हम 526 टाइगर के साथ टाइगर स्टेट थे, विश्व बाघ दिवस के दिन जब घोषणा होगी तो हमारा दावा  है कि मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 650 से 700 तक जाएगी और एक बार फिर मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट बनेगा.

सबसे अधिक बांधवगढ़ में बाघ

बता दें कि मध्य प्रदेश में आधा दर्जन टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, पेंच, संजय और सतपुड़ा शामिल हैं. बांधवगढ़ में 31 बाघों की क्षमता है, जबकि बांधवगढ़ में वर्तमान में 220 बाघ हैं. इसी तरह कान्हा में 41 की क्षमता, 149 बाघ हैं. पन्ना में 32 की क्षमता, 83 बाघ, पेंच में 24 की क्षमता 129 बाघ हैं, संजय में 34 की क्षमता और यहां 35 बाघ हैं. इसी तरह सतपुड़ा में 43 बाघों की क्षमता है, जबकि यहां 90 बाघ हैं. कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 205 बाघ की क्षमता है, जबकि यहां 706 बाघ हैं.

दावा किया जा रहा है की मध्यप्रदेश में बाघों की सबसे ज्यादा संख्या एकबार फिर बांधवगढ़ में होगी.

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