वाइल्ड लाइफ

Satpura Tiger Reserve में बाघिन मछली अपने शावकों को दांव पेंच सिखाती आई नजर

Satpura Tiger Reserve : जंगल में सिर्फ ताकत ही काम नहीं आती बल्कि सूझबूझ और शिकार के तौर तरीके से वन्य जीव अपने आप को जंगल की प्रासंगिकता में कायम रखते हैं। आज आप जो बाघ जंगलों में देखते हैं वह ऐसे ही नहीं शिकार करना सीख जाते और अपनी टेरिटरी बनाना नहीं सीख जाते। सभी बाघों की कुशलता के पीछे उनकी मां का एक बड़ा हाथ होता है। बाघ की मां अपनी सावन को ढाई साल तक साथ में रखती है इस दौरान जंगल के तमाम कानूनो से उसे रूबरू कराती है।

एक ऐसा ही जीवंत वीडियो मध्य प्रदेश के
सतपुडा टाइगर रिजर्व के चूरना जोन में पर्यटकों ने अपने कमरे में कैद कर लिया,दरअसल बाघिन मछली को मंगलवार को पर्यटकों ने अपने नये रूप में देखा।बाघिन मछली अपने तीन शावकों के साथ खेलती एवं जिंदगी के दावेपेंच सिखाती दिखाई दी।

इस दौरान जिनेवा से आये पर्यटक ब्रज किशोर और उनके साथियों ने बाघिन एवं उसके बच्चों को अपने कैमरों में वीडियो कैद किया।वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बाघिन अपने शावकों को लड़ना और आक्रमण करना सीखा रही है।

उकसाते हुये अपने शावकों को आक्रमण से कैसे बचा जाए यह सब खेल खेल में दावपेंच सिखाती दिखाई दे रही है।अभी शावकों की उम्र 7 माह की है,लगभग ढाई वर्ष तक शावक अपनी माँ के साथ रहेंगे।तब तक बाघिन अपने शावकों को जंगल के सभी दावपेच सीखा देगी।

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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