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Tiger Reserve : माधव राष्ट्रीय उद्यान बनेगा प्रदेश का 8वां टाइगर रिज़र्व,दशकों बाद गूंजेगी बाघ की दहाड़

Tiger Reserve : टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश में टाइगर के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक और नया कदम उठाने जा था है,माधव राष्ट्रीय उद्यान में अब रणथंभौर से बाघ लाकर यहाँ बसाने की तयारी चल रही है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स के अनुसार यहाँ 26 बाघों के लिए टेरिटरी बनाकर रहने की पर्याप्त जगह है

टाइगर कारीडोर का होगा निर्माण

कूनो पालपुर अभयारण्य राजस्थान के रणथंभौर से जुड़ा हुआ है। माधव नेशनल पार्क के विस्तार के साथ ही यहां का बफर अब जॉन कुनो तक फैल जाएगा। अब माधव राष्ट्रीय उद्यान का कूनो तक विस्तार होने से जब रणथंभौर के बाघ यहां आएंगे तो वे राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में आ जाएंगे। ज्यादातर नर बाघ अपने क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं, लेकिन वे मध्य प्रदेश में ज्यादा नहीं रहते हैं क्योंकि यहां मादा बाघ नहीं हैं। माधव नेशनल पार्क में मादा बाघिन आने के बाद वे यहां लंबे समय तक रह सकेंगी। रणथंभौर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन तीन राष्ट्रीय उद्यानों में शामिल होने के बाद आप रणथंभौर से माधव राष्ट्रीय उद्यान तक की यात्रा कर सकते हैं। ऐसा पहली बार होने की संभावना है कि एक राज्य के राष्ट्रीय उद्यान का कोई बाघ अपनी सीमाओं को पार करने के बाद दूसरे राज्य के राष्ट्रीय उद्यान में घूमने में सक्षम होगा।

26 बाघ बना सकते हैं टेरिटरी :

माधव नेशनल पार्क की टाइगर सफारी में 1990-91 तक 10 से ज्यादा बाघ थे। उसके बाद उपेक्षा के कारण उन्हें यहां से हटाकर अन्य स्थानों पर भेज दिया गया। टाइगर सफारी को आखिरी बार 1995 में देखा गया था। यहाँ बाघों की अंतिम जोड़ी तारा और पेटू थी। 1996 में जब यहां बाघ विलुप्त हो गए तो टाइगर सफारी भी बंद हो गई। ऐसा माना जाता था कि राष्ट्रीय उद्यान जीवित बाघों के लिए उपयुक्त नहीं था। लंबे समय के बाद यहां फिर से टाइगर सफारी की अनुमति दी गई, जिसके बाद विशेषज्ञों ने यहां शोध किया और पाया कि 26 बाघ के लिए टेरिटरी बनाने के लिए जंगल काफी हैं। इसके बाद यहां बाघों को बसाया जा रहा है।

 

इनका कहना है –

वीओ- माधव राष्ट्रीय उद्यान का टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट के तहत 1600 वर्ग किमी में विस्तार किया जाएगा। रणथंबोर से जो बाघ कूनों और कई बार शिवपुरी के जंगलों तक आते है। टाइगर रिजर्व के रूप में माधव राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्र बढ़ने से यह उसमे भी आ सकेंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ सिंह परियोजना

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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