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पिपरिया सेमरिया से बाघिन का आतंक समाप्त, हुआ रेस्क्यू

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पिपरिया सेमरिया से बाघिन का आतंक समाप्त, हुआ रेस्क्यू
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Rescue of tigress in Bandhavgarh : बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के धमोखर परिक्षेत्र अंतर्गत पिपरिया बीट के बोदा बहरा कैम्प के पास 12 अप्रैल को महुआ बीनने  गए 12 वर्षीय पिपरिया निवासी बालक विजय कोल को बाघ उठा कर ले गया।बाघ ने हमले से विजय कोल की मौत हो गई है।शव एक नाले में पानी मे डूबा हुआ मिला था। वही घटना के ठीक 24 घण्टे बाद सेमरिया निवासी बाघ ने किया महिला रीना बैगा उम्र 38 वर्ष को भी बाघिन ने गंभीर घायल कर दिया था जिसे जिला चिकित्सालय उमरिया में प्राथमिक इलाज के बाद में जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था।

24 घंटे के भीतर बाघिन के द्वारा दो लोगों पर हमले किए जाने के बाद में ग्राम पिपरिया और सेमरिया में डर और दहशत का माहौल था। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ भोपाल से अनुमति प्राप्त होने के बाद में उक्त बाघिन के रेस्क्यू करने का निर्णय लिया।

14 अप्रैल की सुबह बाघिन की सर्चिंग शुरू हुई और कुछ ही घंटे में बाघिन की लोकेशन ग्राम रथेली के पास ट्रेस की गई। बांधों का टाइगर रिजर्व प्रबंधन का रिस्क डाल विभागीय हाथियों की मदद से खुशी घंटे में बाघिन का रेक्स्यु कर लिया है। प्रबंधन के द्वारा बाघिन का रेस्कयू किए जाने की खबर के बाद में पिपरिया और सेमरिया के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि प्रबंधन के द्वारा लगातार ग्रामीणों को समझाइस दी जाती है कि वह बफर और कोर जॉन के जंगल में महुआ बीनने के लिए ना घुसे।

Khabarilal

पिपरिया सेमरिया से बाघिन का आतंक समाप्त, हुआ रेस्क्यू

टाइगर रेस्क्यू विवरण एक नजर में 

  • रेस्क्यू जानवर:- मादा बाघ 
  • रेस्क्यू दिनांक:-14 अप्रैल
  • रेस्क्यू समय:- सुबह 10 बजे
  • रेस्क्यू स्थान:- PF 112, बीट पिपरिया, रेंज धमोखर
  • रेस्क्यू का कारण:- नियमित रूप से गांव में घुसने, जनहानि/जनघायल में शामिल रहने के कारण मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए।
  • रेस्क्यू के बाद की कार्यवाही:- कुछ समय के लिए इनक्लोजर में शिफ्ट किया जा रहा है।
  • रेस्क्यू टीम:- उपसंचालक BTR, सहायक संचालक धमोखर, सहायक संचालक ताला, वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी, रेंजर धमोखर, रेस्क्यू प्रभारी रेंजर पतौर, रेस्क्यू टीम ओर धमोखर फील्ड स्टाफ
  • प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया है कि बाघिन को कुछ दिनों तक इनक्लोजर में रख करके उसके बिहेवियर का अध्ययन किया जाएगा। उसके पश्चात पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से मिले निर्देशों के अनुसार बाघिन को या तो दूसरे क्षेत्र में छोड़ा जाएगा या फिर बाघिन को कहीं अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा।

उमरिया
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