Bandhavgarh Sita Mandap News : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक ऐसा स्थान है जिसे देश-विदेश के साथ-साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी करने वाले या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के रहने वाले लोग भली भांति जानते हैं। हम बात कर रहे हैं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला कोर ज़ोन में मौजूद सीता मंडप की।
बांधवगढ में कहा है सीता मंडप
बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के ताला कोर ज़ोन जाने के लिए जब आप जिप्सी में बैठकर प्रवेश करते हैं,जब आप जमुनिहा पहुचते है उसके बाद आपको भीतरी तिराहा होते हुए बरहा नाला की ओर जाना पड़ेगा।ठीक ताला कोर ज़ोन के गेट से ठीक 5 किलोमीटर दूर चलने के बाद आप सीता मण्डप पर पहुँचते है।
कैसा है सीता मंडप का स्ट्रक्चर
बात जब मण्डप की हो रही है तो आपके मन मस्तिष्क में भी कोई न कोई परिकल्पना मण्डप को लेकर बन रही होगी।दरअसल जैसा शादी का मंडप होता उसी तरह ऊपरी चट्टाने छतनुमा बनी हुई है नीचे कुंड बना हुआ है।कहने का तात्पर्य है ऐसा स्थल जो ऊपर से चट्टानों की छत से ढका हुआ है।छतनुमा चट्टानों से ढका होने का कारण अंदर काफी ठंडक बनी रहती है।यही कारण है कि यह अब बाघों के बहुत की वातानुकूलित स्थल है।
सीता मंडप के अंदर है मानव निर्मित गुफाएँ
सीता मंडप के अगल-बगल अंदर 3 से 4 मानव निर्मित गुफाएं हैं। गुफाओं का आकार ऐसा है कि इसमें आसानी से कोई भी इंसान बैठ उठ सकता है।आराम कर सकता है। माना जा रहा है कि यह गुफाएं काफी पुरानी और पौराणिक काल की हैं। इन गुफाओं के अंदरपुरातन काल का रहस्य दबा छिपा पड़ा हुआ है. सीता मंडप के अंदर इन तीनों- चारों गुफाओं को किस काल में बनाया गया है.अंदर कौन से ऐसे भीतिचित्र हैं, ये तमाम बातें आज भी रहस्य बनी हुई है.
भगवान राम रुके थे वनवास के दौरान
इस मामले की कोई लिखित साक्ष्य तो नहीं है, लेकिन किवदंतियां है कि वनवास के दौरान राम लक्ष्मण और सीता बांधवगढ़ के इस जंगल में रुके हुए थे। वाइल्ड लाइफ से कई दशकों से जुड़े हुए जानकार बताते हैं कि सीता इसी स्थान पर वनवास के दौरान निवास करती थी। इसलिए इस स्थान का नाम सीता मंडप पड़ा है। हालांकि अब सीता मंडप के अंदर बनी हुई गुफाओं तक पहुंच पाना काफी मुश्किल है क्योंकि अब यह स्थान बाघों के कब्जे में है। बाघ यहाँ आराम फरमाते हुए अक्सर पर्यटकों के कैमरे में कैद होते हैं।हालांकि इसके साथ साथ भगवान राम के वनवास के दौरान रुकने के कई जीवांत साक्ष्यों के रूप में मात्र ये एक है।

बाघिन सीता और सीता मंडप
यदि आप बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की बात कर रहे हैं। और बात टाइगर चार्जर और बाघिन सीता की ना हो। तो बांधवगढ़ का नाम अधूरा ही रह जाएगा बात अधूरी रह जाएगी।बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के जुड़े वाइल्ड लाइफ के जानकार बताते है कि बाघिन सीता पहली बार वर्ष 1986 में इसी सीता मण्डप में 3 बाघ शावकों के साथ नजर आई थी। उस दिन के बाद कई बार वह इसी स्थान पर नजर आई, इसी कारण इस बाघिन का नाम सीता रखा गया।बाघिन सीता को अगर Mother Of Bandhavgarh कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।टाईगर चार्जर भी बाघिन सीता के साथ अक्सर इसी सीता मण्डप में वर्ष 1990 से नजर आने लगा था।
आज क्या स्थिति है सीता मण्डप की
सीता मंडप का कनेक्शन पौराणिक काल से जुड़ा हुआ सुनकर और यह जानकर कि सीता मंडप के नीचे 3-4 मानव निर्मित गुफाएं हैं, आपके अंदर कौतुहल उत्पन्न हो रहा होगा की क्यों ना सीता मंडप में बनी हुई गुफाओं को जाकर देखा जाए। लेकिन आपको बता दिया जाए की पौराणिक महत्व के इस सीता मंडप पर अब बांधवगढ़ के ऐसे टाइगर्स का कब्जा है जो काफी डोमिनेंट टाइगर है। यहां आप तो क्या अन्य टाइगर्स की भी हिम्मत नहीं पड़ती कि वह सीता मंडप की ओर नजर उठा करके देख ले।

Sita Mandap पर किस बाघ का है कब्जा
अगर आप जानना चाहते हैं कि सीता मंडप पर इन दिनों किस बाघ का कब्जा है,तो आपको पता होना चाहिए कि टाईगर बजरंग यहाँ आपको आराम फरमाता हुआ नजर आ जाएगा।इसके साथ ही बाघिन चक्रधरा और उसके 1-1 वर्ष के चार शावक भी आपको यहाँ नजर आएंगे। जानकार बताते हैं कि बाघिन चक्रधरा के चार शावकों का पिता Tiger Bajrang ही है।कुल मिलाकर कम शब्दों में कहा जाए इन दिनों बजरंग फैमिली सीता मंडप पर कब्जा जमाए हुए हैं।

तो देखा आपने की Bandhavgarh National Park को सिर्फ टाईगर किंगडम माना जाए तो यह इसके समृद्ध इतिहास के साथ में नाइंसाफी होगी। हमें उम्मीद है की खबर आपको पसंद आई होगी। अगर खबर पसंद आई है तो इसे अपने फ्रेंड्स के साथ जरूर शेयर करें।