Pulwama Attack 5th Anniversary Memoir : दोस्तों आपकी जीवन में आज 14 फरवरी को लेकर की कुछ अलग ही ख्यालात आ रहे होंगे। वैसे तो पूरे देश में 14 फरवरी वैलेंटाइन डे के रूप में प्रसिद्ध है। लेकिन आज ही के दिन इस देश के 40 जवान पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। तब से इस देश में 14 फरवरी को ब्लैक डे के रूप में भी मनाया जाता रहा है। पुलवामा आतंकी हमले की आज पांचवी बरसी है। आज ही के दिन 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों के शव सड़क पर बिखर गए थे गाड़ियां धूं-धू कर जल रही थी। आज 5 साल बाद भी पूरे देश की आंखें शहीदों को याद करके नाम है।
Let's pay tributes to our soldiers who passed away at #PulwamaAttack on #14thFebruary 2019 💔🇮🇳#BlackDay #PulwamaAttack2019 pic.twitter.com/8SHPfbjSor
— Khabarilal (खबरीलाल) (@khabarilalg) February 14, 2024
आपको यह भी याद होगा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना के बाद काफी भावुक हो गए थे उन्होंने कहा था हर आंसू का बदला दिया जाएगा और ठीक 12 दिन के बाद में पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर देश के जवानों ने दुश्मनों को चुन चुन कर मारा था।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में क्या हुआ था?
14 फरवरी 2019 की सुबह, 2500 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को लेकर 78 बसों का काफिला जम्मू से श्रीनगर के लिए निकला, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार सेना की बस से टकरा गई और जोरदार विस्फोट हो गया। . बसों में आग लगा दी गई और इस आतंकी हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 76वीं बटालियन के सैनिकों पर खुले आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली, जिसके आतंकवादी आदिल अहमद डार ने 100 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों से भरी कार को काफिले में घुसा दिया। इसके बाद दुनिया भर में जो तबाही का मंजर दिखा उसने लोगों का दिल दहला दिया. इस आतंकी हमले की दुनिया भर में निंदा की गई और बदला लेने की मांग की गई.
पाकिस्तान में रची साजिश, लिया बदला
आतंकी हमले की जांच के दौरान एनआईए को सुराग मिले कि पुलवामा हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी. ISI और पाकिस्तानी सरकारी एजेंसियों ने मिलकर हमले की योजना बनाई थी. मसूद अज़हर था मास्टरमाइंड. इसके बाद 17 फरवरी को पीएम मोदी ने ऐलान किया कि जवाबी कार्रवाई की जाएगी, दुश्मन तैयार रहें. 12 दिन बाद 26 फरवरी की सुबह 3 बजे 40 जवानों की शहादत का बदला लिया गया. मास्टरमाइंड एनएसए अजीत डोभाल ने योजना बनाई और भारतीय सेना के 12 मिराज और 200 लड़ाकू विमान एलओसी पार कर पाकिस्तान में घुस गए. बालाकोट में खुफिया एजेंसियों द्वारा खोजे गए जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों का भंडाफोड़ किया गया. करीब 300 आतंकी मारे गए.