जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महावीर सुमन नाम के व्यक्ति की मौत हो गई इस व्यक्ति का परिवार में कोई नहीं था और पिछले कई सालों से यह राजस्थान से श्योपुर आकर यहां काम करता था मृत्यु हो जाने के बाद जब 2 दिन तक इसके शव को लेने कोई नहीं आया तो सूचना मिलने पर विधायक बाबू लाल मीणा मौके पर पहुंचे और पहले विधायक ने अस्पताल प्रबंधन की फटकार लगाई और कहा कि 2 दिन से यह शव यहां पड़ा है और इसका अंतिम संस्कार भी नहीं कराया है तब विधायक ने एक एंबुलेंस बुलाई और फिर उसे एंबुलेंस में शव को रखकर मुक्तिधाम श्मशान घाट पहुंचे जहां विधि विधान से शव अंतिम संस्कार किया ।

हैरानी की बात यह रही की इलाज के दौरान महावीर सुमन की मौत हुई अस्पताल प्रबंधक यहां तक की सिविल सर्जन द्वारा उस शव को या तो अज्ञात में नगरपालिका को सूचना देनी थी या फिर उस अज्ञात शव की सूचना प्रशासनिक अमले को देने थी, लेकिन यह सब ना करते हुए सिर्फ पोस्टमार्टम हाउस के बाहर दो दिन से शवको रख रखा था जो की एक अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है , हालांकि विधायक ने सिविल सर्जन सहित अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई लेकिन फटकार एक सबक नहीं बल्कि ऐसे डॉक्टर और सिविल सर्जन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई प्रशासन को करना चाहिए ।