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अल्ट्राटेक मैहर प्लांट में लापरवाही की भेंट चढ़ा मजदूर हुई मौत

लम्बे अर्सों से प्रबंधन की मनमानी एवं अनियमितताओं को लेकर चर्चा में बने अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर प्लांट में मंगलवार को एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा आनन-फानन में दुर्घटना के बाद घायल श्रमिक को मैहर अस्पताल ...

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खबरीलाल Desk

अल्ट्राटेक मैहर प्लांट में लापरवाही की भेंट चढ़ा मजदूर हुई मौत

लम्बे अर्सों से प्रबंधन की मनमानी एवं अनियमितताओं को लेकर चर्चा में बने अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर प्लांट में मंगलवार को एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा आनन-फानन में दुर्घटना के बाद घायल श्रमिक को मैहर अस्पताल की जगह सीधे बिरला हास्पीटल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक इलाज के बाद डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को 8 घंटे बाद दी गई। ऐसा आरोप लगाते हुए परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है

क्या है मामला

जानकारी मिली है कि अल्ट्राटेक मैहर सीमेंट प्लांट  में काम करने आए ठेका मजदूर राजाराम कुशवाहा निवासी कटिया तिघरा संदिग्ध परिस्थितियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ठेकेदार एवं फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा पुलिस को कोई सूचना दिए बगैर घायल श्रमिक को सतना ले जाकर बिरला हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहां कुछ घंटों बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा इस घटना के तुरन्त सूचना मृतक के परिजनों को नहीं दिए जाने से सवाल उठना लाजिमी है कि किन परिस्थितियों में श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त हुआ और उसकी मौत हुई। परिजनों द्वारा श्रमिक की मौत को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि फैक्ट्री प्रबंधन एवं ठेकेदार घटना की वास्तविक जानकारी छिपा रहे हैं कि किन परिस्थितियों में वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ है और उसकी तुरन्त जानकारी परिजनों को क्यों नहीं दी गई?

ठेके में काम कर रहे सैकड़ो श्रमिक

अल्ट्राटेक मैहर सीमेंट सरला नगर में प्रबंधन बदलने के बाद पूरी तरह तानाशाही एवं मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है। खुलेआम मजदूरों का शोषण हो रहा है, फैक्ट्री प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी एवं श्रम कानूनों से बचने के लिए यहां अपने ही गुर्गों को ठेकेदार बनाकर उनके माध्यम से श्रमिकों से काम लिया जा रहा है ताकि ऐसी कोई घटना होने पर फैक्ट्री प्रबंधन पूरी तरह बचा रहे। जानकारी मिली है कि फैक्ट्री प्रबंधन इसके पूर्व भी कितनी ऐसी घटनाएं हुई हैं उनसे कानूनी तौर पर बचकर निकल गया और मृतक श्रमिकों के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। श्रम कानूनों से जुड़े अधिकारी एवं जिला प्रशासन पूरी तरह इस शोषण एवं अत्याचार के खिलाफ मूकदर्शक बना हुआ है। वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। तथाकथित श्रमिक संगठन एवं नेता श्रमिको की बजाय फैक्ट्री प्रबंधन की गुलामी में जुटे हुए हैं। इन हालातों में गरीब श्रमिकों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

मृतक के बेटे को भी नहीं दी कोई जानकारी

मृतक श्रमिक के पुत्र पुरुषोत्तम कुशवाहा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मै पहले फैक्ट्री गया, लेकिन वहां किसी अधिकारी या ठेकेदार ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी, साथ में काम करने वाले कुछ श्रमिकों से मिला तो उन्होंने बताया कि मशीन के ऊपर से गिरने के कारण घायल हुआ था उसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन के कहने पर ठेकेदार घायल श्रमिक को अस्पताल के नाम पर लेकर चला गया। सतना में बिरला अस्पताल में डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुरुषोत्तम कुशवाहा का कहना है कि उस पर दबाव बनाया जा रहा है और दुर्घटना कैसे हुई इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है

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