MP News : मोहर्रम की दसवीं 9वीं तारीख को पूरे देश भर में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया.इस दौरान उज्जैन में मोहर्रम के जुलूस को तय रूट से हटकर के बैरिकेड हटाकर के जब जुलूस का घोड़ा मुस्लिम समाज के लोग ले जाने लगे तभी पुलिस के द्वारा हल्के बल का उपयोग करके उन्हें रोका गया है.
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जान बूझ कर की गई गलती
अधिवक्ता मकसूद अली ने कहा बताया कि मोहर्रम की 9 तारीख का जुलूस निकलता है.इस जुलूस में घोड़े और ताजिया निकाले जाते हैं.देर रात खजूर वाली मस्जिद से एक घोड़ा जबरदस्ती उस स्थान से ले जाने लगे जहां रूट नहीं था.दो दिन पहले मोहर्रम को लेकर के बैठक भी हुई थी प्रशासन के साथ में जिसमें रूट तय किया गया था.कंट्रोल रूम में मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों के साथ में अधिकारियों के द्वारा बैठक की गई थी.उक्त बैठक के दौरान मोहर्रम का पूरा रूट प्लान तय हो गया था.फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और इसमें गलती किसकी है,ऐसे आरोपियों पर कार्यवाही होनी चाहिए.दोबारा एसी घटना उज्जैन में ना हो.यही मेरी मांग है.
आयोजक सहित 15 पर मामला दर्ज
इस मामले में उज्जैन की अप पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मोहर्रम का जो नौवां दिन होता है उसको लेकर के उज्जैन में शांतिपूर्वक तरीके से जुलूस निकाला गया.पिछले 10 दिनों से लगातार बैठकों का दौर जारी था.मोहर्रम के जुलूस को लेकर के जो परंपरागत रूट है, उसको लेकर के चर्चा मुस्लिम समाज के साथ हुई थी.सभी के द्वारा इस रूट को लेकर के सहमति भी व्यक्त की गई थी.इसके बावजूद भी इरफान खान उर्फ लल्ला के द्वारा जुलूस का घोड़ा जानबूझकर के निश्चित रूप से निर्धारित रोड को छोड़कर अन्य स्थान की ओर मोड़ना शुरू कर दिया गया.जिस दौरान पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरिकेड गिर गए.उक्त स्थान पर कुछ पुलिस कर्मियों और कुछ लोग वहां जो मौजूद थे उन्हें चोट भी आई है.मौके पर भीड़ बहुत ज्यादा थी.भीड़ को हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया गया है.घटना के बाद में आयोजक और उनके साथियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है.इस घटना में लोक सेवा के आदेश को नहीं मानने ,निर्धारित रोड पर न जानाऔर लोक सेवक को हानि पहुंचाने की धाराओं के तहत आयोजक और उनके 15 साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.