भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज सरकार को ऐसा आइना दिखाया कि सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया! तहसीलदार और कलेक्टरों की VIP ड्यूटी से लेकर किसानों की बिजली समस्याओं, खदानों पर पेनल्टी, राहुल गांधी के बयान और पुलिस पर हमलों तक—सिंघार ने हर मुद्दे पर तीखे तीर चलाए। तो चलिए, केके रिपोर्टर की नजर से देखते हैं, कैसे उमंग ने सरकार को लपेटे में लिया, वो भी चटपटे अंदाज में!
VIP ड्यूटी: तहसीलदार-कलेक्टर को ‘मुक्ति’ की सलाह
सिंघार ने सरकार को ठोक-बजाकर पूछा, “VIP ड्यूटी में तहसीलदार और कलेक्टर क्यों लटके रहते हैं? भाई, इनके लिए अलग से ‘VIP मैनेजर’ नियुक्त कर दो!” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कलेक्टर और तहसीलदार को राजस्व का काम सौंपा जाए, या फिर सरकार साफ बता दे कि इनका काम सिर्फ मंत्रियों की गाड़ियों के पीछे दौड़ना है। निष्पक्ष नजर: VIP ड्यूटी का मुद्दा पुराना है, लेकिन क्या वाकई ये अधिकारी जनता के काम छोड़कर नेताओं की सेवा में व्यस्त हैं? सरकार को इस पर स्पष्ट नीति बनानी होगी, वरना प्रशासनिक ढांचा और कमजोर होगा।
किसानों की बिजली: लाइनमैन की ‘दादागिरी’ पर हल्ला बोल
किसानों की बिजली समस्याओं पर सिंघार ने बिजली विभाग को लताड़ा। बोले, “लाइनमैन किसानों को परेशान करते हैं, बिल आसमान छू रहे हैं, और सरकार का ध्यान सिर्फ खजाना भरने पर है!” उन्होंने सवाल दागा कि क्या सरकार लाइनमैन की मॉनिटरिंग करेगी या किसानों को यूं ही लूटने देगी? निष्पक्ष नजर: बिजली बिलों की शिकायतें और लाइनमैन की मनमानी का मुद्दा गंभीर है। बिजली विभाग को पारदर्शी व्यवस्था और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी, वरना किसानों का गुस्सा बढ़ेगा। केके तंज: अरे भैया, बिजली बिल देखकर तो लगता है, लाइनमैन ने बिजली के साथ-साथ किसानों की जेब भी काट दी!
खदानों पर पेनल्टी: ‘बैक डोर सेटलमेंट’ का तीखा व्यंग्य
भाजपा विधायकों की खदानों पर पेनल्टी के सवाल पर सिंघार ने चुटकी ली, “सरकार को रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, लेकिन कार्रवाई? अरे, बैक डोर से सेटलमेंट हो जाएगा!” उन्होंने तंज कसा कि सरकार वसूली में कमजोर और सौदेबाजी में माहिर है। निष्पक्ष नजर: खनन में अनियमितताएं और रॉयल्टी की हानि लंबे समय से चर्चा में हैं। सरकार को पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की जरूरत है, वरना विश्वास का संकट गहराएगा। केके तंज: खदानें लूटो, पेनल्टी भरो, फिर चुपके से सेटलमेंट! ये तो सरकार का ‘खनन मॉडल’ है!राहुल गांधी और प्रियंका के बचाव में उतरे राहुल गांधी के चीन बयान और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सिंघार ने कहा, “राहुल जी का संदर्भ अलग था, PM को ट्रेड वॉर और अमेरिका के टैरिफ पर ध्यान देना चाहिए।” उन्होंने तंज कसा, “ट्रंप ट्वीट करते हैं, दुनिया देखती है, लेकिन हमारे PM खामोश क्यों?” पाकिस्तान को हथियार देने और PoK पर भी सिंघार ने सरकार को घेरा। निष्पक्ष नजर: राहुल गांधी के बयानों का संदर्भ भले अलग हो, लेकिन विदेश नीति पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी से राष्ट्रीय हित प्रभावित हो सकते हैं। केके तंज: ट्रंप ट्वीट करते हैं, PM मौन रहते हैं, और विपक्ष चिल्लाता है—लगता है, सब ट्विटर पर ही सियासत हो रही है।
पुलिस पर हमले: ‘दबंगई’ पर नसीहत
पुलिस पर बढ़ते हमलों पर सिंघार ने दोनों पक्षों को देखने की सलाह दी। बोले, “पुलिस की दबंगई और जनता को न्याय न मिलना भी कारण है। पुलिस को जनता से दोस्ती करनी चाहिए।” निष्पक्ष नजर: पुलिस पर हमले चिंताजनक हैं, लेकिन जनता और पुलिस के बीच विश्वास की कमी भी साफ दिखती है। पुलिस सुधार और बेहतर प्रशिक्षण जरूरी हैं। केके तंज: पुलिस अगर मित्र बने, तो हमले कम हों, वरना जनता और पुलिस का ‘दंगल’ तो चलता रहेगा
उमंग सिंघार ने तो सरकार को हर मोर्चे पर लपेट लिया, लेकिन सवाल ये है—क्या सरकार इन तीखे तंज का जवाब देगी, या फिर ‘बैक डोर’ से सेटलमेंट कर लेगी? जनता की नजर अब भोपाल पर टिकी है।
कृष्णकांत सोनी /रायसेन