इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे के टेमागांव से हरदा तक हिस्से का निर्माण करने वाली कंपनी पाथ इंडिया पर लगे जुर्माने में बड़ा उलटफेर हो गया था। जो अब गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। मामला करीब दो साल पहले तत्कालीन एडीएम प्रवीण फूलपगारे ने अंधेरीखेड़ा में बिना अनुमति 3.11 लाख घनमीटर मुरम मिट्टी की खुदाई पर कंपनी पर 51 करोड़ 67 लाख 64 हजार 502 रुपए का जुर्माना ठोका था। इसमें आधी राशि पर्यावरण क्षति और आधी अवैध उत्खनन के जुर्माने के रूप में जोड़ी गई थी।
लेकिन सुनवाई के दौरान तत्कालीन एडीएम डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाकर जुर्माना घटाकर मात्र 4032 रुपए कर दिया। उनका तर्क था कि मौके पर पंचनामा में कंपनी और ग्रामीणों के हस्ताक्षर नहीं लिए गए, न फोटो-वीडियो सबूत मौजूद हैं। यही नहीं, अन्य भूमि स्वामियों की अनुमति को भी नजरअंदाज किया गया। कंपनी द्वारा मात्र 2688 घनमीटर मिट्टी की खुदाई मानकर जुर्माना बेहद मामूली कर दिया गया।
इस मामले पर आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आईएएस नागार्जुन बी. गौड़ा और आईएएस ऋषि गर्ग पर करोड़ों के भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। 51 करोड़ से घटकर महज कुछ हजार तक पहुंचा जुर्माना। अब प्रशासनिक मिलीभगत और खनिज विभाग की लापरवाही का प्रतीक बनकर सामने आया है। अभी दोनों अधिकारी हरदा में मौजूद नहीं है। लेकिन इस मामले को उजागर आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट के द्वारा अब दस्तावेज एवं भ्रष्टाचार होने पर किया गया है।