Imd alert mp : मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा बारिश का अलर्ट जारी किया गया है जिसमें दर्जनों जिलों में गरज चमक के साथ बौछार वाली बारिश की संभावना जताई गई है वहीं कई जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है जिसमें आकाशी बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है.मौसम केंद्र द्वारा जारी अलर्ट की अनुसार बारिश का असर भी इन जिलों में देखने को मिल रहा है.
क्यों हो रही है बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा 20° उत्तर/69° पूर्व, वेरावल, भरूच, उज्जैन, झाँसी, शाहजहाँपुर और 30° उत्तर/81° पूर्व से होकर गुज़र रही है।
एक सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र कच्छ की खाड़ी और निकटवर्ती क्षेत्रों पर अवस्थित है। इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है जो ऊँचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर झुक रहा है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके कच्छ और निकटवर्ती क्षेत्रों से होते हुए उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और उसके बाद उत्तरी गुजरात तट से उत्तर-पूर्व अरब सागर में सक्रिय होकर एक अवदाब में परिवर्तित होने और उसके बाद पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा में उत्तर पश्चिम अरब सागर की ओर बढ़ने की संभावना है।
एक ट्रफ़ कच्छ की खाड़ी और निकटवर्ती क्षेत्रों पर बने सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से जुड़े उपरोक्त चक्रवातीय परिसंचरण से मध्य प्रदेश के मध्य भागों से होते हुए दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश तक माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है।
एक अन्य टूफ़ कच्छ की खाड़ी और निकटवर्ती क्षेत्री पर बने सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से जुड़े चक्रवातीय परिसंचरण से उत्तर-पश्चिम राजस्थान तक माध्य समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है।
आज उत्तरी अंडमान सागर में एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव में 01 अक्टूबर 2025 के आसपास बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 2 अक्टूबर के आसपास पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक अवदाब में परिवर्तित होने की संभावना
वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें
रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच जिलों में।
भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढर्णा जिलों में।
अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, सिवनी, मंडला, बालाघाट जिलों में ।
झंझावत और वज्रपात
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढर्णा जिलों में ।
मौसम चेतावनियों के संभावित प्रभाव
- तेज हवाओं/बिजली गिरने के कारण पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति में बाधा।
- कच्चे मकानों और अस्थायी आश्रयों को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ना।
- खेतों में खुले में लोगों व पशुओं के लिए वज्रपात (बिजली गिरने) से जान-माल का खतरा।
- सुझाये गए कार्य –
- ऊँचे या खुले इलाकों में न जाएँ। खुले खेतों और बाहरी गतिविधियों के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहता है।
- पेड़, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना है। आआंधी-तूफान के दौरान खुले खेतों में कार्य करने से बचे ।
- गरज-चमक के दौरान घर के अंदर रहें, खिडकियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
- आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुए जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखे।
- सुरक्षित आश्रय लें; पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पेड़ों और बिजली की तारों से दूर रहें।
- कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
- पशुओं का विशेष ध्यान रखें, सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए।
- जल जनित और कीट जनित रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। फिल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी पीने और स्वच्छता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें। मच्छरों के प्रजनन
- रुके हुए पानी को हटाए, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा कम हो सके।
- मानसून में आमतौर पर सर्दी, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियों फैलती हैं, इसलिए इनके लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और यदि लक्षण बने रहें तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
- हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को मानसून के दौरान अधिक नमी के कारण होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए। वे नियमित रूप से अपना रक्तचाप जांचे और हृदय-स्वस्थ आहार का पालन करें।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नजर रखें।
कृषकों के लिए विशेष सलाह
- सोयाबीन में इल्ली नियंत्रण हेतु पक्षी बैठने की लकड़ियों व फेरोमोन ट्रैप लगाएँ।
- सोयाबीन में जलभराव की स्थिति होने पर वर्षा के बाद एन्थ्रक्नोज एवं ब्लाइट रोग नियंत्रण हेतु टेबुकोनाज़ील/हेक्साकोनाजोल का छिड़काव करें।
- सब्ज़ीदार बेलदार पौधों एवं ऊँचे पौधों (जैसे मक्का, मिर्च) को गिरने से बचाने हेतु सहारा दें।
- सोयाबीन/उड़द में पीली मोजेक वायरस (YMV) से ग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट करें ताकि रोग का प्रसार कम हो।
- मिर्च, लौकी, करेला आदि सब्ज़ियों को सहारा (स्टेकिंग/मंडप) प्रदान करें।
- बगीचों एवं सब्जी के खेतों में जल निकासी की नालियों बनाकर अतिरिक्त पानी बाहर निकाले।
- पशुओं को सूखे बाड़े में रखें तथा संक्रमण कम करने हेतु बाड़े के चारों ओर चूना डालें।