IMD Alert : मौसम केंद्र भोपाल के द्वारा अगले 24 घंटे के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के लगभग दर्जनों जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारों का अलर्ट
बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच जिलों में
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, पांढुर्णा जिलों में।
ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, सिगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर जिलों में।
भारी वर्षा, झंझावत और वज्रपात का अलर्ट
रीवा, सतना, पन्ना, मैहर जिलो में।
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीथी, मऊगंज, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में।
मौसम चेतावनियों के संभावित प्रभाव –
भारी वर्षा के दौरान कम दृश्यता से यातायात बाधित होना व दुर्घटनाओं की संभावना।
नदियों/नालों में जलस्तर बढ़ने तथा कच्ची सड़कों को नुकसान की संभावना।
तेज हवाओं/बिजली गिरने के कारण पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति में बाधा।
कच्चे मकानों और अस्थायी आश्रयों को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ना।
खेतों में खुले में लोगों व पशुओं के लिए वज्रपात (बिजली गिरने) से जान माल का खतरा।
सुझाये गए कार्य
भारी वर्षा के कारण दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। उफनती नदियों, नालों या पुलियों को पार न करें।
निचले इलाकों, जिनमें सड़कें और अंडरपास शामिल हैं, में जलभराव की संभावना है, जिससे यातायात जाम और देरी हो सकती है।
झोंकेदार तेज हवाओं के कारण उड़ने वाला मलबा और कम दृश्यता हो सकती है, जिससे यात्रा और परिवहन प्रभावित हो सकते हैं। यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें।
परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें। वाहन धीरे चलाएँ और स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़े, पुलों और ऊँची खुली सड़कों से बचें।
मचान (स्कैफोल्डिंग) और निर्माण स्थलों से दूर रहें। ऊँचे या खुले इलाकों में न जाएँ। खुले खेतों और बाहरी गतिविधियों के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहता है।
पेड़, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना है। आंधी तूफान के दौरान खुले खेतों में कार्य करने से बचे।
गरज-चमक के दौरान घर के अंदर रहे, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें। सुरक्षित आश्रय लें; पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पेड़ों और बिजली की तारों से दूर रहें।
कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती है।
पशुओं का विशेष ध्यान रखें, सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए। जल जनित और कीट जनित रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। फ़िल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी पीने और खच्छत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने
के लिए रुके हुए पानी को हटाएं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा कम हो सके।
मानसून में आमतौर पर सर्दी, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियों फैलती हैं, इसलिए इनके लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और यदि लक्षण बने रहें तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को मानसून के दौरान अधिक नमी के कारण होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए। वे नियमित रूप से अपना रक्तचाप जांचें और हृदय-स्वस्थ आहार का पालन करें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नज़र रखें।