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Bhagalpur Bridge Collapse: 70 प्रतिशत काम होने के बाद 1710.77 करोड़ की लागत से बनने वाला पुल हुआ धरासाई | देखें वीडियो

Bihar Bridge Collapse latest Update in Hindi अगवानी-सुल्तानगंज पुल के तीन पिलर फिर टूट गए, जिससे पुल का एक हिस्सा करीब 100 मीटर तक धराशायी हो गया। मौत की खबर नहीं। इससे पहले 29 अप्रैल 2022 की रात निर्माणाधीन पुल के 36 स्पैन धराशायी हो गये थे.

बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाली 1710.77 करोड़ रुपये की लागत से अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बना चार लेन का पुल रविवार शाम सवा छह बजे अचानक ओवरफ्लो होकर गंगा में समा गया. इस घटना में एक गार्ड लापता बताया जा रहा है.

अगुआ की तरफ से निर्माणाधीन पिलर नंबर 10, 11, 12 और पिलर नंबर 13 का आधा हिस्सा पूरी तरह से तोड़ दिया गया। तीन स्तंभ एक दूसरे से लीवर द्वारा जुड़े हुए थे। इसके 120 से ज्यादा स्पैन ढह चुके हैं।

इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की विस्तृत जानकारी ली है. पुल के सुपरस्ट्रक्चर के गिरने की गहन जांच करने के बाद दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि रविवार होने के कारण तीनों पिलर पर काम नहीं हो रहा था। इससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लोग गार्ड के गायब होने की बात कह रहे हैं। इस बीच अगवानी-सुल्तानगंज के बीच नाव सेवा भी बंद कर दी गई है।

इधर, पुल बना रही एसपी सिंगला कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार झा ने बताया कि पाया नंबर 10 से 12 तक के सेगमेंट पायों के साथ गिरकर नदी में समा गए हैं। पुल निर्माण कंपनी को काफी क्षति हुई है।

2022 में गिरे थे 36 स्‍पैन

इधर, पुल का निर्माण कर रही एसपी सिंगला कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार झा ने बताया कि पता चला है कि खंड संख्या 10 से 12 तक फुटिंग समेत नदी में गिरे हैं. पुल बनाने वाली कंपनी को काफी नुकसान हुआ है।

2022 में 36 स्पैन गिरा

इससे पहले पिछले साल, 29 अप्रैल की रात तूफान के कारण पांच से चार और छह को जोड़ने वाले सुपरस्ट्रक्चर के 36 स्पैन ढह गए थे। एक साल बीत जाने के बाद भी वह काम फिर से शुरू नहीं हुआ है। इसकी जांच आईआईटी रुड़की की एक टीम कर रही है।

आठ साल बाद भी सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। पुल का निर्माण शुरू हुए अब आठ साल से अधिक का समय बीत चुका है। यह ब्रिज 2019 में ही बनकर तैयार हो जाना था। अंतिम समय सीमा 31 दिसंबर, 2023 दी गई थी। अब पुल के निर्माण में दो-तीन साल की देरी होने की संभावना है।

पिलर संख्या 10 के फटने से ढहा पुल  

स्थानीय लोगों के अनुसार पिलर संख्या 10, जिसपर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र बनना था, वह बीच से फटते हुए अपने साथ तीन और पिलरों को लेकर गिर गया।

अब तक तय की डेडलाइन 

पहली01 नवंबर, 2019
दूसरी20 दिसंबर, 2020
तीसरी30 जून, 2021
चौथी30 मार्च, 2022
पांचवीं 30 दिसंबर, 2022
छठवीं30 मार्च, 2023
सातवीं(संभावित)30 जून, 2023
आठवीं (संभावित)31 दिसंबर, 2023

एक नजर में पुल की जानकरी

पुल की लंबाई : 3.17 किलोमीटर का फोरलेन पुल

पुल की लागत : 1710.77 करोड़ 

काम शुरू हुआ : दो मई, 2015 से पिलर संख्या 10 पर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र का भी होना था निर्माण। पुल के पहुंच पथ का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

 

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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