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वाटरहोल में बजरंग बर्दास्त नही कर पाया अन्य बाघ की मौजूदगी उतारा मौत के घाट

विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व का डोमिंनेट टाईगर बजरंग हमेशा सुर्खियों में रहता है,वैसे तो बांधवगढ़ का हर टाइगर ने एक निश्चित टेरिटरी बना रखी है लेकिन बांधवगढ़ का टाईगर बजरंग की आज के समय मे खितौली, मगधी और ताला कोर ज़ोन में अपना वर्चस्व स्थापित करके रखा है। बाघ भीम की संतान और बाघ छोटा भीम का भाई बजरंग ने अपनी ताकत के दम पर बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में एकछत्र साम्राज्य स्थापित करके रखा हुआ है।

वाटरहोल में बजरंग बर्दास्त नही कर पाया अन्य बाघ की मौजूदगी उतारा मौत के घाट

यही कारण है कि आज दोपहर बाघ बजरंग जब ताला कोर ज़ोन के गोहड़ी, बीट के आरएफ 315, बीट महामन में स्थान झोरझोरा कुण्ड के पास अपनी टेरिटरी की निगरानी के बाद वाटरहोल में आराम करने के लिए पहुँचा तो वहां एक 8 से 9 माह का मादा बाघ शावक पानी पी रहा था,जिसे देखकर बजरंग ने अटैक कर दिया और मौत के घाट उतार दिया।

उक्त स्थल पर जब वाटरहोल चेकिंग के दौरान परिक्षेत्र सहायक गोहड़ी, बीटगार्ड पहुँचा तो उसने देखा कि मादा शावक का शव पड़ा हुआ है,घटना की सूचना तत्काल सक्षम अधिकारियों की दी गई और सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंच कर स्नीफर डॉग एवं मेटल डिटेक्टर द्वारा सर्च कराया गया साथ ही हाथियों के दल ने घटनास्थल के आसपास का निरीक्षण किया तो पाया गया कि घटनास्थल से महज 150 मीटर की दूरी पर बाघ बजरंग आराम फरमा रहा है कुछ समय बाद बजरंग ने उसी वाटरहोल में पानी भी पिया।

वाटरहोल में बजरंग बर्दास्त नही कर पाया अन्य बाघ की मौजूदगी उतारा मौत के घाट
शावक के शरीर मे मिले निशान

घटना स्थल पर पहुचकर जब बांधवगढ़ पशु चिकित्सा अधिकारी नितिन गुप्ता एव NTCA के सदस्य सहित अधिकारियों ने देखा तो मृत शावक के शरीर मे कैनाइन के निशान मिले शव का पोस्टमार्टम किया गया तथा फॉरेन्सिक सेम्पल लिये गये सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में मृत मादा शावक बाघ का शवदाह किया गया।

बाघ ने क्यों मारा मादा शावक को

वैसे तो वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बताते हैं की नर बाघ कभी मादा बाघ पर हमला नहीं करता बल्कि मादा बाद के साथ मेटिंग की संभावना तलाशता है लेकिन वाटर होल के नजदीक मौजूद मादा शावक बाघ मात्र 8 से 9 माह की थी ऐसे में वह मादा शावक जिसकी संतान थी वह बाघिन शावकों के छोटे होने के काऱण मेटिंग के लिए तैयार नही होती इस कारम बजरंग ने उक्त शावक को मौत के घाट उतार दिया।

Article by Sanjay

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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