Lokayukt Karyawahi : मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंचों के माध्यम से गैर जिम्मेदार और भ्रस्ट अधिकारीयों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे हैं वही कर्मचारियों सहित बड़े अधिकारीयों के रिश्वत की भूख दिन ब दिन बढती चली जा रही हैं. लोकायुक्त के द्वारा की गई कार्यवाहियों में आपने देखा होगा की आम आदमी जब सिस्टम से परेशां हो जाता हैं तब वह लोकायुक्त की शरण लेता हैं लेकिन जब अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को ही रिश्वत के लिए परेशान करने लगे तो सोचिए भला आम आदमी का क्या हाल होगा.
रीवा में आज फिर एक बार रिश्वतखोर फसगये लोकलयुक्त पुलिस के जाल में। जनपद सी.ओ. ने अपने ही विभाग के कर्मचारी की मेडिकल लीव पास करने के लिए रिश्वत की मांग की थी।
रीवा के जनपद पंचायत कार्यालय में पदसत संजीव पाण्डेय जो की परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ है।जो की पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। दो महीने पहले ही मुंबई में मेडिकल लीव पर अपने हर्निया का ऑपरेशन कराया था। जिसके बाद उनके द्वारा अपने ही कार्यालय में मेडिकल लीव और बिल ना पास होने पर उनकी तनख्वा दो महीने से रोक कर रखी गई थी। जिसके बाद उनको मेडिकल लीव और बिल पास कराने के लिए सी.ओ. जनपद पंचायत विजय लक्ष्मी मरावी और इनके बाबू महेंद्र वर्मा द्वारा लगातार रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसपर संजीव पाण्डेय ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की जिसके बाद लोकायुक्त एस.पी. गोपाल सिंह धाकड़ ने रिश्वत के मामले में ट्रैप की करवाही करते हुए आज सी.ओ. विजय लक्ष्मी मरावी को 5000 रुपए और उनके बाबू महेंद्र वर्मा को 1500 रूपयो रिश्वत लेते हुए रंगेहाथो जनपद पंचायत कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया और अब आगे की कार्यवाही के लिए लोकायुक्त कार्यालय लाया गया है।