MP Crime : रिश्ते में सगे चाचा भतीजे के बीच एक मोबाइल गुम हो जाने के बाद अनबन होती है, गुम हुआ मोबाइल चाचा का था और चोरी का शक भतीजे पर था । लेकिन इस अनबन के बीच एक दिन गाँव से बाहर चाचा की सिर कुचली लहूलुहान लाश मिलती है । हत्या का शक तो भतीजे पर था लेकिन इसे साबित करना बड़ी चुनौती थी। मृतक के भतीजे ने अपने चाचा का अंतिम संस्कार भी किया और अगले चार दिन तक पुलिस के साथ मदद के बहाने घूमता रहा । इस बीच पुलिस को अहम सुराग मिला गूगल से । जी हाँ भतीजे नितेश के मोबाइल की गूगल सर्च हिस्ट्री ने इस मर्डर मिस्ट्री का राज खोलने में कैसे अहम किरदार निभाया और हत्या के दिन से पुलिस के साथ ही घूम रहा आरोपी भतीजा आरोपी बनकर पुलिस की गिरफ्त में कैसे आ गया पढ़िए इस खास रिपोर्ट में ।
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30 साल के युवक की मिली सिर कुचली लाश
आज के दौर में इंसान का सबसे बड़ा कोई मददगार है तो वो है तकनीक और गूगल । लेकिन ये जिंदगी को आसान भी बनाते है और मुश्किल भी । भैंसदेही मैं हुई एक वारदात में तकनीक के दोनों पहलू देखने मिले । दरअसल 25 दिसम्बर के दिन भैंसदेही थाना क्षेत्र के पोहर गाँव के बाहर रविन्द्र कारे नाम के एक शख्स की लहूलुहान लाश मिली जिसे देखते ही ये पता चलता था कि मामला हत्या का है । 30 साल के रविन्द्र के सिर पर पत्थर से वार करके उसकी हत्या की गई थी । बैतूल पुलिस कप्तान ने फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल का मुआयना किया और हर पहलू पर जांच करने का आदेश जारी किया ।
हत्यारा पुलिस को कर रहा था गुमराह
पुलिस ने पतासाजी शुरू की लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था लेकिन इस दौरान पुलिस को बताया गया कि हत्या से एक दिन पहले मृतक रविन्द्र को उसके 21 साल के भतीजे नितेश कारे के साथ गाँव से बाहर जाते हुए देखा गया था । पुलिस ने नितेश को बुलाकर पूछताछ की लेकिन नितेश की बातों से उसका इस हत्या से कोई कनेक्शन नहीं जुड़ रहा था । मृतक रविन्द्र अविवाहित था इसलिए उसका अंतिम संस्कार भी भतीजे नितेश ने ही किया । इसके बाद नितेश अगले चार दिनों तक हत्या की गुत्थी सुलझाने पुलिस के साथ ही घूमता रहा और इस दौरान पुलिस को नितेश पर भी शक हुआ । जब पुलिस ने नितेश के मोबाइल को जब्त करके खंगाला तो वो सुराग मिला जिसने इस हत्याकांड के खुलासे में सबसे बड़ी भूमिका निभाई । ये सुराग था गूगल सर्च हिस्ट्री जिसमे नितेश ने फिंगर प्रिंट कैसे साफ करें लाइन से एक सर्च किया था । । इसके बाद पुलिस ने नितेश से पूछताछ की और इस बार प्यार से नहीं बल्कि सख्ती से पेश आई ।आखिरकार नितेश ने अपना जुर्म कबूल किया और पुलिस को हत्या के पीछे की वजह बताई ।
गूगल में सर्च किया फिंगर प्रिंट कैसे साफ करें
हत्या का ये मामला सिर्फ एक मोबाइल गुम जाने का था । नितेश के चाचा रविन्द्र ने नया स्मार्टफोन खरीदा था जो अचानक गुम हो गया और रविन्द्र अपने ही भतीजे नितेश पर चोरी का आरोप लगाकर उसे गन्दी गन्दी गालियां देकर टॉर्चर कर रहा था । नितेश ने इस अपमान का बदला लेने का फैसला किया और अपने चाचा रविन्द्र को गाँव के बाहर ले जाकर उंसके सिर पर पत्थर से कई वार किए जिससे रविन्द्र की मौत हो गई । हत्या के बाद घबराहट में आरोपी नितेश ने गूगल पर सर्च किया कि फिंगर प्रिंट कैसे साफ करें । इसके बाद उसने हत्या में इस्तेमाल किये गए पत्थरों को साफ करके फेंक दिया और गाँव वापस आकर ऐसा बर्ताव किया मानो कुछ हुआ ही नहीं था ।
इस मामले में एक ही तकनीक के दो पहलू देखने मिले । आरोपी जिस गूगल को इस्तेमाल करके बचना चाहता था उसी गूगल हिस्ट्री ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया । लेकिन ये तो एक इत्तफाक भर था जबकि हकीकत ये है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो वो पुलिस के सामने कोई ना कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है ।