झाबुआ कोतवाली अंतर्गत आने वाले ग्राम नलदी में मानवता शर्मसार होने का मामला सामने आया है…9 वर्षीय मासूम पीड़ित की माँ ने झाबुआ कोतवाली पुलिस को लिखित शिकायत में बताया कि बीती दरमियानी रात वे रात्रि 9 बजे अपनी सबसे छोटी दोनों बेटियों एवं उसके बेटे को घर के आंगन में सुला के दोनों पति-पत्नी घर के पीछे खेत में सोने गए थे तभी पिछले 15 दिनों से मेरे ही घर में मेहमान बन कर रह रहे नंनद के साडू मेडा ने अपनी ही बहन रात्रि 2 बजे उठाकर अँधरे जंगल ले जाकर हवस का शिकार बनाया है.
यह पूरी बात सुबह बालिका ने रोते हुए अपनी माँ को बताई.. अभी बालिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, कोतवाली पुलिस ने मामला संज्ञान में आते ही आरोपी की तलाश कर गिरफ्तार किया गया..बालिका की हालात स्थिर है, पुलिस द्वारा आरोपी की धरपकड़ के लिए लगातार संबंधियो से पूछताछ की जा रही है.हालाकि झाबुआ पुलिस ने आरोपी साडू पिता राजू मेडा निवासी मलवान के विरुद ipc की धारा 373, 376, 336 पास्को एक्ट में मामला पंजीबद्ध कर फरार आरोपी साडू मेडा को राउंडअप किया गया
अब बड़ा सवाल – आखिर कब रोक लगेगी ऐसी घटनाओं पर..??इस घटना के बाद ज़हन में यह सवाल लगातार उठ रहा है की क्या इन घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है या फिर ऐसे नरपिशाचों को जल्द से जल्द सजा दिलवाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर ऐसी घटनाओं के बाद मिलने वाली सजा का खोफ बताकर घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है..
पिछले एक माह में कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत यह दूसरी घटना है, पिछले दिनों भी पिटोल के समीप एक गांव में एक बच्ची के साथ उसके मामा ने बलात्कार कर बच्ची की हत्या कर दी थी, क्यों ये मानवता के दुश्मन फूल सी कोमल पंखुड़ियों को इस तरह से तहस-नहस देते हैं, क्यों ऐसे मामलों को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में नही चलाया जाता और क्यों कई बार थोड़े से लालच में बयान को बदल दिया जाता है, बलात्कारी तो कई बार अलग अलग हथकंडे अपना कर बच जाते है मगर मरती है हमारी आत्माएं-हमारी चेतनाएं-हमारी न्यायिक व्यवस्था।