रोजमर्रा की जरूरत में आदमी की प्रतिभाएं हमेशा दबी की दबी रह जाती हैं अरबी अपने मां का नहीं कर पाते हैं जो उनकी प्रतिभा उन्हें जान ले जाना चाहती है। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया में आप जब रूल्स को देखते हैं तो आपको लगता होगा कि हमारे देश में कितनी ही प्रतिभाएं ऐसी ही दबी छुपी हुई है जो अब रील और सोशल मीडिया के वीडियो के माध्यम से सामने आ रही हैं।
सोशल मीडिया पर इन दोनों सैयद खलील नाम का शख्स जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सैयद खलील की यूट्यूब आईडी देखने पर पता चलता है कि यह एक टेंपो ड्राइवर है लेकिन उसके बाद भी इतनी प्रतिभा इनके अंदर भरी हुई है यह प्रतिभा इन दिनों रील के माध्यम से निकाल करके बाहर आ रही है। सोशल मीडिया पर इन दोनों सैयद खलील का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वे वर्ष 1971 में आई हरे रामा हरे कृष्णा फिल्म का गाने फूलों का तारों का सबका कहना है का अंतरा Haye jeevan ke dukhon se yun darte nahin hain ,Aise bachke sach se guzarte nahin hain , Sukh ki hai chaah to dukh bhi sehna hai गुनगुनाते हुए देखे जा रहे हैं।
दरअसल हरे रामा हरे कृष्णा फिल्म का गाना Phoolon ka taron ka sabka kehna hai
Ek hazaron mein meri behna hai का अंतरा Haye jeevan ke dukhon se yun darte nahin hain ,Aise bachke sach se guzarte nahin hain , Sukh ki hai chaah to dukh bhi sehna hai वाला अंतर उन्होंने ऐसा गुनगुनाया है कि उनके सामने लिप्सिंग के मामले में देवानंद भी फेल हो जाएंगे।
यदि आप इस गाने की दीवाने हैं तो आप भी इसे सैयद खलील के इस शॉर्ट वीडियो के माध्यम से देख करके यादों को ताजा कर सकते हैं।