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चित्रकूट के विख्यात नेत्र विशेषज्ञ से जाने आई फ्लू क्या के कारण,लक्षण और बचाव के उपाय
चित्रकूट : इस समय देश के कई राज्यों में आई फ्लू की बीमारी बहुत तेजी के साथ फैल रही है जिसका मुख्य कारण आंख में होने वाला संक्रमण है।यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर या उसके द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को हो जाती है।
आई फ्लू / कंजक्टिवाइटिस आँख के सफेद हिस्से और पलकों का संक्रमण और सूजन है। यह आमतौर पर वायरस के कारण होता है इसे आम तौर पर मानसून के मौसम में बढ़ते हुए आर्द्रता स्तर के कारण देखा जाता है।
इसके प्रमुख लक्षण
- आँख का लाल होना, खुजली और दर्द।
- पलकों की सूजन।
- अत्यधिक पानी बहना।
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता हैं।
- इस बीमारी के उपचार हेतु
- आँखों को रगड़ने से बचें।
- आँखों की ठंडी सिकाई करे ।
- धूपदार चश्मे का उपयोग करें।
- डॉक्टर के परामर्श के बिना दवा का उपयोग न करें।
- अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में परामर्श करें और डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवाओं का उपयोग करें।
इस बीमारी से रोकथाम के लिए उपाय
- आँख में दवा डालने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
- हाथ धोने के लिए एल्कोहल आधारित सेनेटाइजर का उपयोग करें।
- आई फ्लू /कंजक्टिवाइटिस रोगी को अपना रुमाल, तौलिया, तकिया और बेडशीट आदि अलग रखना चाहिए।
- फैलाव से बचने के लिए बच्चों और अन्य लोगों के साथ नज़दीकी संपर्क से बचें।
- अपनी आँखों को बार-बार छुने से बचें।
वहीं सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा आलोक सेन ने इस बढ़ती हुई आई फ्लू की बीमारी को देखते हुए लोगो से अपील की है कि इस बीमारी से घबराएं नही बस कुछ सावधानी बरतें जिनको आई फ्लू की बीमारी हो रही है वह लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में परामर्श लेकर ही आंख में कोई दवा डाले और संक्रामक व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
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नोट: यदि आपने हाल ही में नेत्र सर्जरी करवाई है और तुरंत आई फ्लू की समस्या हो गई है, तो कृपया तुरंत अपने नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें।