मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अब कुछ ही महीने दूर हैं। चुनाव को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में एक बार फिर मध्य प्रदेश का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों उज्जैन में एक बहुत बड़ा प्रयास चल रहा है. यहां देशभर से आए 18 चित्रकार पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं।
उज्जैन में के महाकाल लोक की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशभर के 18 कलाकार पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं. ये चित्र बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कुछ विशिष्ट शैलियों में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। कुछ समय बाद जब आप उज्जैन जाएंगे तो आप महलोक के साथ-साथ एक अन्य दिव्य स्थान महाकाल के भी दर्शन कर सकेंगे।
एमपी के शहडोल का जिक्र
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के शहडोल में बिचारपुर गांव है, जिसे Mini Brazil कहा जाता है. मिनी ब्राजील जैसा यह गांव आज उभरते फुटबॉल सितारों का गढ़ बन गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के पकरिया गांव की सराहना करते हुए कहा, मैं एमपी के शहडोल गया था. वहां मेरी मुलाकात पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई। यहां लोगों ने प्रशासन की मदद से करीब 100 कुओं को वॉटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है।
विचारपुर का नाम क्यों पड़ा Mini Brazil
विचारपुर मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का एक गाँव है। इस गांव को मिनी ब्राजील कहा जाता है. मिनी ब्राजील जैसा यह गांव आज उभरते फुटबॉल सितारों का गढ़ बन गया है। पीएम मोदी ने 1 जुलाई को इस गांव का दौरा किया था और इन युवा खिलाड़ियों से मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने इस गांव का दौरा किया तो वहां उनकी मुलाकात कई युवा फुटबॉल खिलाड़ियों से हुई. पीएम मोदी ने तय किया कि देशवासियों और खासकर युवाओं को इस गांव के बारे में जानकारी दी जाए और कहा था की मै इस गाँव की चर्चा अपने मन की बात कार्यक्रम में भी करुगा
1200 फुटबॉल क्लब
पीएम मोदी ने कहा कि अब यहां फुटबॉल क्रांति नाम से एक कार्यक्रम भी चल रहा है. इसके तहत युवाओं को खेल प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कार्यक्रम की सफलता इसी बात से देखी जा सकती है कि बीकापुर से 40 से अधिक राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय खिलाड़ी निकले हैं। फुटबॉल की यह क्रांति अब धीरे-धीरे फैल रही है और शहडोल और इसके आसपास 1200 फुटबॉल क्लब बन चुके हैं।
यहां से कई ऐसे खिलाड़ी निकले हैं, जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेल रहे हैं. कई बड़े पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और कोच यहां युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. जो इलाका कभी अवैध शराब और ड्रग्स के लिए कुख्यात था, वह आज फुटबॉल की नर्सरी बन गया है.