एक बड़ा ही हैरतअंगेज मामला सामने आया है जिसमे दुधमुहे बच्चे के साथ माता-पिता के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाए गए और इस मामले के बाद बच्चे को घर में माता-पिता से अलग कर दिया गया मामला जर्मनी का है जहाँ वर्किंगवीसा पर पर काम करने गए माता-पिता पर यह आरोप लगा था अब वे दोनों जर्मनी से भारत लौटे साथ ही उन पर लगाए गए आरोप गलत साबित हुए हैं,लेकिन बच्चा अभी भी उन्हें नही दिया गया है.
भारत वापस लौटने के बाद अब दम्पति वे बच्चे को वापस पाने के लिए काफी परेशां है,विदेश मंत्रालय पहुच कर दोनों ने मदद की गुहार लगाई है साथ ही विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने एकर्ति आरिया को जर्मनी से वापस लाने का आश्वासन उसके माता पिता को दिया है.
कब का है मामला
पूरा मामला सितंबर 2021 के महीने के आसपास का है जब एकर्ति आर्य और उनके माता-पिता किसी काम के मामले में जर्मनी में रहते थे। घर में खेलने के दौरान बच्चे के जननांगों में चोट लग गई थी, 2 साल की आरिया को उसके माता पिता ने तत्काल जर्मनी के एक अस्पताल में ले गए,लेकिन ट्रीटमेंट के दौरान इस घटना के पीछे पहले बच्चे के माता-पिता को निशाना बनाया गया और यही नही उस समय उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था। लेकिन उन्होंने 2022 में उस मामले से बरी भी कर दिया गया.
लेकिन पालन पोषण के दौरान लापरवाही का मामला बना कर 2 साल की बच्ची को बर्लिन में बाल सेवा नामक एक घर में शिफ्ट कर दिया गया अब बच्चा दो साल से अधिक समय से अपने माता-पिता से अलग है। इस बीच, आर्य के माता-पिता काम के बाद भारत लौट आते आए है और अब दोनों ने बच्चे को वापस लेने के लिए कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है.
माता पिता के निवेदन को सुनने के बाद अब विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को बच्चे को माता-पिता को वापस लाने का आश्वासन दिया है, विदेश मंत्रालय ने कहा कि आर्य को भारत वापस लाने के लिए सार्थक चर्चा शुरू की जा चुकी है साथ ही मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में जर्मनी में भारतीय दूतावास से व्यापक चर्चा हुई है.
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मंत्रालय ने यह भी कहा कि दूतावास के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आर्या को उसके माता-पिता को सौंपने पर कोई समझौता न करें।आर्या की मां धारा शाह अब अपने बच्चे को वापस पाने के लिए भारत सरकार की ओर देख रही हैं। उन्होंने इस कठिन समय में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद किया
एकराती की मां ने एक मीडिया आउटलेट को बताया कि अगर वह जीवित होता, तो बच्चे को वापस पाने के लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती। उनके मुताबिक पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री मां के बच्चे को खोने के दर्द को अच्छी तरह समझ सकते थे. 20 महीने से ज्यादा हो गए हैं।
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धारा शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के हस्तक्षेप से ही बच्चे को वापस पाना संभव है। यह कहते हुए वह भावुक हो गए। बच्चे की मां ने यह भी कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, कई भारतीय बच्चों को जर्मनी में उनके माता-पिता से अलग किया गया है.
Article By Aditya