उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में गोंडवाना पार्टी ने गोगपा के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम ककोडिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. राधेश्याम ककोडिया वर्तमान में जिला जेल उमरिया में 26 सितम्बर को जिला मुख्यालय उमरिया में पुलिस और गोगपा के बीच हुई झड़प के मामले में जेल में विचाराधीन हैं. गोगपा के द्वारा जेल में विचाराधीन राधेश्याम ककोडिया को अपना उम्मीदवार बनाकर उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा की मुस्कीले बढ़ा दी है.
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संयुक्त किसान मोर्चा मानपुर में करेगा आमसभा
6 नवम्बर की शाम जिला मुख्यालय पहुचे किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बाबत जानकरी दी है की संयुक्त किसान मोर्चा जेल में विचाराधीन गोगपा के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम ककोडिया के समर्थन में मानपुर विधानक्षेत्र में उतरेगा. और 7 नवम्बर की को मानपुर के ताला बाजार में आमसभा का आयोजना भी संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किया जाएगा.
क्या हैं संयुक्त किसान मोर्चा
केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लागू किए गए 3 किसान कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा’ नवंबर 2020 में समय अस्तिव में आया था. बताया जाता है कि देश के संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय किसान संघों का एक गठबंधन है। किसान कानून के रद्द होने से उत्साहित संयुक्त किसान मोर्चा अब पांच राज्यों के अंदर चल रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसने जुड़े राजनैतिक दलों के विरोध में उतारा है. डॉ सुनीलम ने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि हम भाजपा विरोधी मुहिम चलाएंगे। यह हमारा अभियान है उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में हम इसी अभियान को लेकर आए हैं।
गोगपा उमीदवार का SKM करेगा समर्थन
सितंबर में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच हुई सड़क के बाद राधेश्याम को जेल में बंद रखा गया है। और जब मेरी जानकारी में आया कि वह जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। तब हमने उमरिया जिले पहुंच करके उन्हें समर्थन देने का फैसला किया है। इसके पहले भी जॉर्ज फर्नांडिस ने 1977 में जेल में रहकर के चुनाव लड़ा था। मुजफ्फरपुर की जनता ने उन्हें चुनाव लड़ाया था। किशोर समरीते बालाघाट जिले के लांजी से चुनाव लड़े थे। तब हमने उनका सपोर्ट किया था। उसके पश्चात असम से के शिवसागर से अखिल गोबी चुनाव लड़े थे उनका भी हमने सपोर्ट किया था।.डॉ सुनीलम ने कहा कि राधेश्याम ककोडिया को फंडामेंटल राइट्स देने होंगे। अभी तो वह सिर्फ विचाराधीन है यदि उन्हें सजा भी हो जाएगी तब भी उनके फंडामेंटल राइट्स को नहीं छीना जा सकता है। फंडामेंटल राइट्स खत्म करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। और सुप्रीम कोर्ट भी इन्हीं बातों की रखवाली के लिए बना हुआ है।
कौन हैं डॉ सुनीलम
भोपाल में जन्मे डॉ सुनीलम , जिन्हें पहले सुनील मिश्रा के नाम से जाना जाता था एक भारतीय समाजवादी राजनीतिज्ञ, लेखक और पूर्व भौतिक विज्ञानी के रूप में जाने जाते हैं। 1990 के दशक के मध्य तक, उन्होंने युवा जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया. उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में सोशलिस्ट फ्रंट की स्थापना में भाग लिया ।2008 तक, उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्य किया । उनके पास डॉक्टरेट की उपाधि है और वह हिंद मजदूर किसान पंचायत के कार्यकर्ता थे । [2006 में सुनीलम, सीताराम येचुरी के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने , जिसने वहां लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए समर्थन दिखाने के लिए नेपाल का दौरा किया। 2004 में सुनीलम बैतूल लोकसभा सीट पर 74,391 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे । चुनाव के समय उनके खिलाफ 41 आपराधिक मामले दर्ज थे। 2008 में उन्होंने उसी सीट के लिए उपचुनाव लड़ा, लेकिन अपनी जमानत खो दी।