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भाजपा के घर बैठे नेताओं को मनाएंगे 3 पूर्व प्रदेशाध्यक्ष समेत 14 नेता देंखे सूची

विधानसभा चुनाव सिर पर हैं चुनावी वर्ष में अब भाजपा प्रदेश नेतृत्व को उन नेताओं की सुध आने लगी हैं जो पार्टी संगठन से नाराज चल रहे हैं और  घर बैठ गए हैं और लगातार उपेक्षा का आरोप संगठन और ...

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Sanjay Vishwakarma

विधानसभा चुनाव सिर पर हैं चुनावी वर्ष में अब भाजपा प्रदेश नेतृत्व को उन नेताओं की सुध आने लगी हैं जो पार्टी संगठन से नाराज चल रहे हैं और  घर बैठ गए हैं और लगातार उपेक्षा का आरोप संगठन और सत्ता पर लगा रहे हैं. लेकिन ऐसे वरिष्ट कार्यकर्ताओं की चुप्पी और घर बैठना आगामी चुनाव पर सीधा असर डाल सकता हैं. ऐसे तमाम नेताओं की संख्या हर जिले में काफी ज्यादा हैं लेकिन चुनावी साल में भाजपा अब उन कार्यकर्ताओ के घर घर जाएगी और उन्हें मनाने का काम करेगी, बाकायदा इस काम के लिए दर्जन भर से ज्यादा नेताओं की फ़ौज भी तैयार कर दी गई है जिस सूची में 3  पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भी शामिल किए गए है. ये नेता 15 अप्रैल तक जिलों में घूमकर पार्टी के नाराज नेता और कार्यकर्ताओं से संवाद कर संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे.

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भाजपा ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह को रूठों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. इस सूची की खास बात यह है कि मप्र भाजपा के मौजूदा संगठन से नाराज घर बैठ चुके  ज्यादातर नेताओं ने नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभात झा  और राकेश सिंह के साथ कभी न कभी काम किया है. यही वजह है कि इन्हें भी रूठों से संवाद करने कमान इन्हें सौपीं गई है.

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हालांकि इस सूची में ऐसे भी नाम हैं जैसे माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, कृष्णमुरारी मोघे जो खुद भी  हासिए पर चले गए है. पार्टी ने इन्हें भी रूठे नेताओं को मनाने का काम दिया है. इसके अलावा सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, माखन सिंह, सत्यनारायण जटिय, फग्गन सिंह कुलस्ते, लाल सिंह आर्य, सुधीर गुप्ता और राजेन्द्र शुक्ल को भी रूठों का मनाने का काम सौंपा है. ये नेता जिला स्तर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्षों, पार्टी की जिला इकाइयों के पूर्व अध्यक्षों, पूर्व विधायकों, पूर्व संसद सदस्यों और अन्य लोगों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे.

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आपको बता दें की पार्टी के एक आन्तरिक सर्वे में भाजपा हाईकमान को जानकारी मिली थी कि भाजपा का कार्यकर्ता असंष्ठ है, उसकी पूछपरख नहीं हो रही है. इसके बाद असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है.

इन नेताओं को मिली रूठों को मनाने की जिम्मेदारी

नरेंद्र सिंह तोमर: इंदौर, भोपाल, सीहोर
राकेश सिंह: नर्मदापुरम, बैतूल, मंडला
प्रभात झा: खरगोन, बुरहानपुर
गोपाल भार्गव: छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी
कैलाश विजयवर्गीय: जबलपुर, धार, रीवा, सतना
जयभान सिंह: पवैया उज्जैन, शाजापुर, देवास
माखन सिंह: गुना, शिवपुरी, श्योपुर
कृष्ण मुरारी: मोघे विदिशा, रायसेन, सागर
सत्यनारायण जटिया: रतलाम, मंदसौर, नीमच
फग्गन सिंह कुलस्ते: झाबुआ, अलीराजपुर
माया सिंह: राजगढ़, नरसिंहपुर, दतिया
लाल सिंह आर्य: टीकमगढ़, कटनी, पन्ना, छतरपुर
सुधीर गुप्ता: ग्वालियर, भिंड, मुरैना
राजेन्द्र शुक्ल: सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल

कांग्रेस ने ली चुटकी

भाजपा के 14 नेताओं दिग्गजों की टीम बनाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरे विश्व में अपने आप को सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती हैं तो फिर उन्हें घर में ही नाराजगी का सामना क्यों करना पड़ रहा है, यह अपने आप में कुछ गड़बड़ झाला है, उसका संकेत दे रहा है. दूर के ढोल सुहावने होते हैं वही हाल आज भाजपा का है.

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जमीनी स्तर की समस्याओं को जानने बनी है टीम- रामेश्वर शर्मा

भाजपा में असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को दी गई जिम्मेदारी के बारे में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भाजपा में कोई नाराजगी  और असहमति नहीं है, हमारे पास परिवार की भावना है, सभी एक परिवार की तरह रहते हैं। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हैं. आपने कांग्रेस के किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता को बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कभी नहीं सुना होगा। यही वजह है कि सभी बड़े नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाती है, ये नेता उन क्षेत्रों में जाकर जमीनी स्तर पर बात करना करेंगे और वहां की समस्याओं को संगठन तक पहुचाएंगे.

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