महिला काँग्रेस ने रैली निकाल कर अवंती बाई चौक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन किया है और राज्यपाल के नाम दोषियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर एसडीएम डिंडोरी को ज्ञापन सौपा है और शिवराज सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए युवतियों का स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट मामले ने तूल पकड़ा है।

दरअसल बीते दिनों गाड़ासरई में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 219 जोड़ो का विवाह जिला प्रशासन द्वारा कराया गया। इस दौरान बछरगाँव की कुछ युवतियों ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य परीक्षण के साथ साथ उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया था। इस मामले पर विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने बच्चियों की निजता का हनन बताते हुए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर सवाल उठाए थे और आज महिला कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया है,मप्र के राज्यपाल के नाम सौपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि प्रेग्नेंसी टेस्ट के क्या मापदंड है उंन्हे सार्वजानिक किया जाए,किस नियम के तहत प्रदेश की बहनों को सार्वजनिक रूप से अपमान कर रहे है ?इस तरह से बहनों की बेज्जती का हक किसने दिया,साथ ही अन्य बातों का उल्लेख है,
वही इस कन्या विवाह आयोजन के दौरान पूरे घटनाक्रम पर उठ रहे सवाल को लेकर डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बयान दिया है कि इसमें सीधा सीधा मामला केवल स्वास्थ्य परीक्षण का है क्योंकि अपना इलाका (डिंडोरी) सिकिल सेल एनीमिया से ग्रसित है,तो हम लोग वहां पर फिटनेश लेते है बच्चियों की और इसमें बहुत सारी गाइड लाइन भी है,तो इसी आधार पर फिटनेश लिए थे,इसमें जो इस्थानीय इस्तर के डॉक्टरो ने अपने विवेक से जिनको बच्चियों ने बताया कि पीरियड मिस हुए है तो उनके यूरिन टेस्ट किया था,जिसमे से 4 बच्चियों का पॉजिटिव आया था तो उन्हें एहतियात तौर पर इस बार विवाह में शामिल नही किया गया,इसके अलावा बाकी तथ्य है जो विस्तार करके बताए जा रहे है,सभी का टेस्ट को लेकर लगे आरोपों पर कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा कि सभी बच्चियों का टेस्ट नही किया गया है।