नगर परिषद नौरोजाबाद में सियासी उठा पटक रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। आज कलेक्टर उमरिया बुद्धेश कुमार वैद्य के पास उपस्थित होकर नगर के 15 में से 13 पार्षदों अध्यक्ष के खिलाफ आरोप पत्र दिया है।
कार्यालय में बाहरी लोगो का जमवाड़ा
नगर परिषद नौरोजाबाद में इन दोनों एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। परिषद से जुड़े हुए लोग दबी जुबान नाम सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर बताते है कि इनदिनों परिषद ने अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा कुछ ऐसे लोग है को सुबह कार्यालय का ताला खुलने के बाद से देर शाम तक कार्यालय में डेरा जमाए रहते हैं। यही नही ऐसी कोई टेबल नही होगी जहां बेवजह हस्तक्षेप न करते हों। सीएमओ साब करें तो क्या करें किस किस को मना करें कब तक मना करें यही कारण है कि कार्यालय में काम करने वाले नीचले तबके के कर्मचारी इस बाहरी हस्तक्षेप से पीड़ित तो हैं पर मुँह खोलकर आफत मोल लेने दे डरते है।
चार सूत्रीय आरोप पत्र देते हुए सभी पार्षदों ने नगर परिषद अध्यक्ष के ऊपर वित्तीय अनियमिताओं की जांच कर कर वित्तीय अधिकार समाप्त किए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया है।
क्या है ये चार बिंदु
यह कि अध्यक्ष के द्वारा समस्त वार्डो में द्वेष की भावना से जब उनके चहेते ठेकेदार कार्य नहीं करते है, तो उनके द्वारा उक्त कार्य को बन्द करा दिया जाता है।
यह कि ठेकेदारों से जोर जबरदस्ती करके उनके आदमी जैसे बबलू खान कमीशन की मांग करता है, और कमीशन न देने पर उक्त ठेकेदारों का भुगतान नहीं करती है, जिससे विकास कार्य अवरूद्ध हो रहे है। परिषद की बैठक में पार्षदों को जेल भिजवाने की धमकी दी जाती है।
यह कि कुशल सिंह नगर परिषद नौरोजाबाद में बहुत सारी वित्तीय अनियमितताये कर रही है और परिषद को ब्लैक मेल करके चलाने की कोशिश करती है एवं अधिकार से बाहर जाकर सीएमओं के उपर दबाव बनाकर अनाधिकृत पत्र व्यवहार करती है।
यह कि श्रीमती कुशल सिंह अपने आदमियों को जबरदस्ती काम दिलवाना चाहती है जिसमे बबलू खान नाम का व्यक्ति प्रमुख व्यक्ति है जो नगर पालिका की पूरी फाईलो को देखता है और वही निर्णय लेता है, उसके पश्चात वह मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर दबाव डालाती है।
अतः निवेदन है कि हम सभी पार्षद गण यह चाहते है कि जब तक कुशल सिंह के द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमिताओं की जॉच न हो जाये तब तक उनका वित्तीय अधिकार समाप्त किये जाने की दया की जाये।