बैतूल में एक और अफसर ने इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरने का खम ठोक दिया है। मूलतः भैंसदेही इलाके के ठेम गांव निवासी और इटारसी में जीएसटी में राज्य कर ऑफिसर हेमराज बारस्कर ने पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। भैंसदेही आदिवासी आरक्षित सीट से भाजपा के प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बावजूद हेमराज को उम्मीद है कि पार्टी अब भी संशोधन कर उन्हें टिकट दे सकती हैं। कयास लगाए जा रहे है कि ऐसा नहीं होने की स्थिति में वे निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
हेमराज को अब भी टिकट मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अभी भी मुझे भाजपा से टिकट मिलने का चांस है क्योंकि संशोधित लिस्ट पर रात को ही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई है। उसमें भैंसदेही का भी नाम था। इससे दो-चार प्रतिशत चांस है कि मुझे टिकट मिल सकता है। मैं सभी सर्वे में टॉप पर था। इसलिए अब प्रतीक्षा कर रहा हूं। जनता बहुत आक्रोशित है। महेंद्र सिंह का 90 फीसदी विरोध है। धरमू को भी 50% कार्यकर्ता कार्यकर्ता पसंद नहीं कर रहा है। ऐसे में ऐसा व्यक्ति हो, जिसकी स्वीकार्यता हो पूरी विधानसभा में।
हेमराज के इस्तीफा देने के बाद भाजपा की टिकट घोषित होने के बावजूद टिकट का इंतजार करने और राजनीति के मैदान में पूरी तरह उतरने से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह टिकटों की अंतिम घोषणा के बाद भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय तौर पर भी मैदान में उतर सकते हैं । उन्होंने फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया है। लेकिन कहा है कि वह एक-दो दिन में इसको लेकर फैसला ले लेंगे।
पूर्व जीएसटी अफसर हेमराज बारस्कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पारिवारिक पृष्ठभूमि से है। उनके पिता स्व. जीआर बारस्कर ने 2017 में बैतूल में आयोजित हिन्दू सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत शामिल हुए थे। श्री बारस्कर के बड़े भाई मनीष बारस्कर बीते 32 वर्षों से संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। वर्तमान में वे संघ के प्रकल्प ग्राम विकास के जिला संयोजक है।
उल्लेखनीय है कि हेमराज बारस्कर भी संघ के साथ ही एबीवीपी में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। संघ पृष्ठभूमि के साथ ही भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक उत्थान, क्षेत्र का विकास आमजन की समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार सक्रियता के चलते बीते दो विधानसभा चुनावों के साथ ही विस चुनाव 2023 के लिए श्री बारस्कर भाजपा से प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। भाजपा ने तीन चुनाव के दौरान भले ही उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया। बावजूद इसके बारस्कर का समूचे भैंसदेही क्षेत्र में सघन जनसंपर्क जारी रहा, जिससे उनकी लोकप्रियता स्थापित हो गई है।
हेमराज बारस्कार की दावेदारी राजनैतिक विश्लेषक जातिगत समीकरण के लिहाज से भी फिट मानते हैं। कोरकू आदिवासी बाहुल्य भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा कोरकू समाज से ही प्रत्याशी बनाया जाता रहा है। श्री बारस्कर भी कोरकू समाज से ही वास्ता रखते हैं। हालांकि संघ पृष्ठ भूमि के उच्च शिक्षित एवं प्रतिष्ठित शासकीय पद पर पदस्थ रहने के चलते बारस्कर की पैठ विधानसभा क्षेत्र की सभी जाति-समाजों में है।