एक 6 साल का मासूम जिंदगी और मौत के बीच खड़ा है, बीते दिन दोपहर तकरीबन 3 बजे खुले बोरबेल में मयांग गिर गया, शाम 5 बजे से रेस्क्यू आप्रेसन जारी है, सफलता अबतक नही मिली परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है, तो वही प्रशासन के भी पसीने छूट गए लेकिन अबतक बच्चे की ना कोई भी लोकेसन है, ना गहराई का अंदाजा, बस एक उम्मीद है कि मयंक को सही सलामत निकाला जाय, जिसे लेकर एन.डी.आर.एफ, एस.डी.इ.आर.एफ के साथ पुलिस बल और पूरा जिला प्रशासन लगा हुआ है।
रीवा जिले के त्योंथर स्थित मनिका गांव में अपने मासूम बच्चे को जिंदगी और मौत के बीच झूलता देख परिजनो की हालत रो-रो कर खराब हो गई है,, परिजनों का कहना है कि हमारा 5 साल का मयंक खेत में गेहूं की बालियां बीनने के लिए गया, हुआ था, लेकिन खेत के किनारे खुले सूखे बोरवेल में वह गिर गया, मयंक के पिता मजदूरी का काम करते हैं और बेहद गरीब परिवार से हैं,मयंक के पिता ने बताया कि गांव वालों ने उसे निकालने की कोशिश की जब नहीं निकला तो सरपंच के माध्यम से पुलिस को खबर दी,कई घंटे गुजर गए अब मयंक के पिता की उम्मीद टूटती दिख रही है।
अपने लाल को संकट में देख मयंक की मां का रोग रो कर बुरा हाल है,, वहीं मयंक की दादी न्याय की गुहार लगा रही है और जिला प्रशासन से मांग कर रही है कि उसके बच्चे को सही सलामत बचाकर उसे लौटा दिया जाए।
जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य महकमा भी मौके पर मौजूद है डॉक्टर एंबुलेंस के साथ तैनात हैं रेस्क्यू ऑपरेशन में जिस भी हाल में मासूम मयंक को निकाला जाएगा उसके इलाज के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं।
कल शाम से रेस्क्यू टीम के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी कलेक्टर एसपी सभी मौके पर मौजूद हैं रीवा जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है लेकिन इस बात पर अब तक सफलता नहीं मिल पाई है कि बच्चे की सही लोकेशन क्या है और उसकी हालत कैसी है एक अनुमानित गहराई बताई जा रही है कि बोरवेल 70 फीट गहरा है खुदाई अब तक 40 फिट हो चुकी है लेकिन अब तक हाथ खाली है प्रतिभा पाल ने बताया कि आप एक पाइप डालकर होरिजेंटल टनल बनाने की कोशिश शुरू कर दी गई है जिसके माध्यम से बोरवेल के आखिरी छोर तक पहुंच जाएगा तब कहीं जाकर मयंक की लोकेशन और उसके हालात के बारे में स्पष्ट तौर पर बताया जा सकेगा।