25.1 bhopal
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BSF का इंस्पेक्टर 32 दिन रहा डिजिटल अरेस्ट 71 लाख की हुई ठगी

मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्टिंग के मामले आए दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं। एमपी पुलिस के द्वारा लगातार जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन इन कार्यक्रमों का मैदानी स्तर पर कोई भी असर दिखाई नहीं ...

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खबरीलाल Desk

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BSF का इंस्पेक्टर 32 दिन रहा डिजिटल अरेस्ट 71 लाख की हुई ठगी

मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्टिंग के मामले आए दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं। एमपी पुलिस के द्वारा लगातार जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन इन कार्यक्रमों का मैदानी स्तर पर कोई भी असर दिखाई नहीं दे रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है।जहां मध्यप्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला ग्वालियर से सामने आया है। जहां ठगों ने इस BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और 71 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने खुद को मुबई साइबर व क्राइम ब्रांच के अफसर बताकर एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। BSF इंसपेक्टर की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

दरअसल ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस से टेकनपुर पर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने शिकायत दर्ज कर अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया था। वॉट्सऐप कॉल पर बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे हैं। कई जगह आपके मोबाइल का गलत उपयोग हुआ है। इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। इसके बाद बताया कि आदेश है कि तत्काल आपको अरेस्ट किया जाए। जब BSF इंस्पेक्टर अहमद ने बताया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। तो वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर बात कर रहे फर्जी मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच अधिकारी ने बताया था कि आपका फोन टेप हो रहा है अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों ओर परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।BSF इंस्पेक्टर मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले है ग्वालियर में अकेले रहते हैं इसलिए वह डर गए और फोन करने वालों की बात मानते चले गए। इसके बाद सबसे पहले 15 लाख रुपए की मांग की गई। साथ ही बताया गया कि आपके एक-एक पैसे की जांच होगी। विश्वास मानों कि यदि आप गलत नहीं हाे तो केस क्लोज होते ही पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। इसी दौरान तकरीबन 34 ट्रांजैक्शन में 71लाख 25 हजार रुपए BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को थमा चुके थे। इस दौरान इंस्पेक्टर ने यह रकम दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदा कर एडवांस लिए थे। साथ ही कुछ दोस्तों के साथ साथ बैंक में सेविंग की गई रकम इकट्ठा कर चुकाई थी। वह इतना सहम चुके थे कि लगातार एक महीने से ठगों के संपर्क में आने के बाद उनके कहे मुताबिक पैसे देते चले गए। BSF इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने 2 जनवरी 2025 को बेटे से बात की और उससे इसका जिक्र किया। बेटे ने उनको समझाया कि वह स्कैम का शिकार हुए हैं। उनको ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया है। उन्होंने बेटे की समझाइश के बाद अपने बेटे के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जिसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल क्यों कर दी है।

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