बीते कुछ दिनों से बाइक और स्कूटर मालिकों का मेंटेनेंस खर्चा बढ़ गया है। क्योंकि बाइक और स्कूटर चलाते समय अचानक एक्सीलेटर बढ़ जाने की शिकायत के साथ ही इंजन के है। बंद होने की खराबी देखी जा रही है। ऐमें में बाइक मैकेनिक के पास प्रतिदिन 15 से 20 वाहन इन्हीं दिक्कत के चलते सर्विस करने पहुंच रहे हैं, लेकिन सर्विस के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है और उन्हें बार-बार खास तौर पर एक्सीलेटर बढ़ाने की समस्या ठीक कराने के लिए मैकेनिक के पास चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आखिर कर अचानक इन दोपहिया वाहनों में ऐसी क्या दिक्कत आ रही है..? जानेंगे हम आप बने रहिए … देखिए यह खास खबर…।
ग्वालियर में इन दिनों बाइक और स्कूटर चालक काफी परेशान नजर आ रहे हैं और उनकी परेशानी भी बिना बुलाई है, ऐसा हम इसलिए कह रहे है, कि दोपहिया वाहन चालक अपने बाइक, स्कूटर चलाते समय अचानक रेस बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं। उनके दो पहिया वाहन रेस बढ़ने से अचानक अनकंट्रोल होने की स्थिती में आ जाते हैं, जिसके कारण एक बड़ा हादसा भी हो सकता है। खास तौर पर यह परेशानी उन पुराने दो पहिया वाहनों में देखने को मिल रही हैं, जिनमें कार्बोरेटर लगे हुए हैं। ऐसे में वह इस परेशानी को ठीक कराने के लिए मैकेनिक के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन कार्बोरेटर क्लीन कराने के बाद भी सिर्फ कुछ समय के लिए ही समस्या से निदान मिल पा रहा है। कई वाहन चालक तो ऐसे हैं जो प्रतिदिन कार्बोरेटर साफ करा रहे हैं लेकिन फिर भी उनकी बाइक ठीक नहीं चल रही है। ऐसे में इस गंभीर परेशानी के लिए पेट्रोल में मिलाई जा रहे एथेनॉल की मात्रा पर सवाल खड़े हो रहे हैं और वाहन चालक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और कह रहे हैं कि एक तरफ तो महंगा पेट्रोल खरीदें और दूसरी तरफ रेस बढ़ने और गाड़ी बंद होने की समस्या को लेकर बार-बार मैकेनिक के चक्कर काटने से उनका समय भी खराब हो रहा है तो वही बेमतलब रुपए भी सर्विस कराने में बर्बाद हो रहे हैं। ऐसे में वाहन चालक इस समस्या के निदान के लिए जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने की गुहार लगा रहे हैं।
दो पहिया वाहनों में अचानक आई इस परेशानी को लेकर शहर के मैकेनिक भी परेशान है कि आखिरकार बार-बार कार्बोरेटर साफ करने के बाद भी बार-बार बाइक और स्कूटर में रेस बढ़ने की समस्या आ रही है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पेट्रोल में मिलाए जाने वाले एथेनॉल को माना जा रहा है, क्योंकि पहले इसकी मात्रा पेट्रोल में 10 से 12% थी जिसे बढ़ाकर अभी 20% तक कर दिया गया है। जिसके कारण दो पहिया वाहनों में अचानक रेस बढ़ाने की समस्या आने लगी है और इससे बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। ऐसे में इस समस्या का समाधान सरकार को करना चाहिए। क्योंकि जब कम मात्रा में पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा था तब यह समस्या नहीं देखी गई थी लेकिन अब केमिकल की मात्रा ज्यादा बढ़ाए जाने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक यह समस्या सिर्फ इंडियन ऑयल करपोरेशन के पेट्रोल पंपों से पेट्रोल भराने पर आ रही है। बाकी अन्य कंपनियों में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है,क्योंकि इंडियन ऑयल में डिपो लेबल पर पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेडिंग की जा रही है। या फिर कोई पुराना कंपनी का माल हो सकता है, क्योंकि पेट्रोल का कलर काफी रेड डार्क है। ऐसे में डिपो मैनेजर से पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने मुलाकात की है और कहां है कि पेट्रोल से दोपहिया वाहनों में आ रही समस्या के कारण उनकी सेल खराब हो रही है। हालांकि इस मामले पर डिपो मैनेजर ने दो दिन का समय मांगा है, लेकिन कंपनी का कहना है कि एथेनॉल मिलाने का निर्णय सरकार का है और हम सभी लोग इसे बंधे हुए है, फिर भी इस समस्या का कोई ना कोई निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
आपको बता दें कि ग्वालियर शहर में तकरीबन ढाई सौ मैकेनिक मुख्य रूप से कार्य कर रहे है, ऐसे में रोजाना उनके पास करीब 4 हजार दोपहिया वाहन चालक सिर्फ एक ही रेस बढ़ने की समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं। यह मामला सभी के संज्ञान में भी है कि पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा 20% किए जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है, ऐसे में जल्द इसके निराकरण के लिए प्रदेश सरकार को आगे आना चाहिए। साथ ही जिला प्रशासन को उच्च स्तर पर हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि परेशान हो रहे लोगों को इस समस्या से पूर्ण रूप से निजात मिल सके।