शिविर में बिलासपुर,बिरसिंहपुर, झाँपी सहित 23 गांवों के सदस्यों ने भाग लिया। शुक्रवार को सदस्यों ने बिराशिनी मंदिर के नीचे स्थित मैदान में शारीरिक प्रदर्शन व प्रार्थना किया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित शहडोल के सह विभाग कार्यवाह श्रीमान रविंद्र जी पटेल चर्चा सत्र के दौरान संघ की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं में देशप्रेम की भावना जागृत करने के लिए आरएसएस द्वारा देशहित में किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के परिचय के साथ की।
उन्होंने बताया की संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉक्टर केशवराव बलिराव हेडगेवार जी के द्वारा हुई।
और आगे उन्होंने बताया की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तीन शब्द है इसका अर्थ है,अपने राष्ट्रभारत की निस्वार्थ भावना से सेवा करने हेतु स्वयं के प्रेरणा से कार्य करने वाले लोग जिन्हें स्वयंसेवक कहते है। उनका संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ है।
इसके पश्चात् उन्होंने बताया की डॉक्टर हेडगेवार जी ने हिंदू समाज को दोष मुक्त ,जागृत,संगठित व शक्ति सम्पन्न करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की,उन्होंने अपने संबोधन में आरएसएस शाखा गतिविधियों के मुख्य कार्य धर्म जागरण,सामाजिक समरसता ,परिवार प्रबोधन, गौ सेवा,पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे:- शहडोल सह विभाग कार्यवाह रविंद्र पटेल,जिला प्रचारक आस्तीक,खंड कार्यवाह संतोष त्रिपाठी,खंड विस्तारक,कृष्णराज,खंड बौद्धिक प्रमुख देवेंद्र उर्मलिया, व आसपास के 23 गावों के स्वयं सेवक का उक्त शिविर में आगमन के साथ शिविर का समापन हुआ।