- कलेक्टर की अध्यक्षता में फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम के तहत बैठक संपन्न
- शासन व्दारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही निजी विद्यालय स्कूलों का संचालन करें – कलेक्टर
- 69 विद्यालयों व्दारा मान्यता संबंधी जानकारी प्रस्तुत नही करने पर कलेक्टर ने व्यक्त की नाराजगी
उमरिया । मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 प्रसारित किया गया है। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम के संबंध में बैठक संपन्न हुई ।

कलेक्टर ने कहा कि मप्र निजी विद्यालय 2020 की धारा 3 एवं 4 के तहत अभिभावकों को दिए जाने वाली शुल्क विवरण स्पष्ट एवं मदवार उल्लेखित किया जावे । नियम के तहत विद्यालय की प्रस्तावित फीस संरचना के अनुरूप सत्र प्रारंभ के 180 दिवस पूर्व शासन व्दारा नियत पोर्टल, जिला समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है। परिवर्तन की स्थिति में यह अनिवार्य होगा , जिसका पालन जिले में होना नही पाया जा रहा है । निरीक्षण में प्रतिकूल पाए जाने पर विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।
बिंदु का पालन न किए जाने पर मान्यता समाप्त की कार्यवाही की जाएगी । उन्होने कहा कि निजी विद्यालय प्रबंधन व्दारा पाठ्य पुस्तकों का निर्धारण ऐसे संबंध बोर्ड अथवा परीक्षा निकाय के विनियमों के अनुरूप सुनिश्चित किया जाए जिससे कि वह संबंध हो । आरएसके, एमपीबीएसई, सीबीएसई से संबध्द होने की स्थिति में नियत बोर्ड के व्दारा अधिकृत पाठ्य पुस्तकों से ही अध्यापन करना होगा । किसी भी हालत में अनावश्यक पुस्तको को क्रय किए जाने हेतु किसी भी अभिभावक को बाध्य नही किया जाए । प्रायः देखने मे आता है कि विद्यालयो व्दारा किसी नियत दुकानदार को चिन्हित कर उन्हें पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराई जाती है जहां से अभिभावक बाध्य होकर या अनावश्यक पुस्तके क्रय करता है। कुछ विद्यालयों मे अमान्य पुस्तके,बिना आईएसबीएन,फर्जी आईएसबीएन क्रमांक की पुस्तके विद्यालयों व्दारा बच्चों को क्रय किए जाने हेतु बाध्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि अगर किसी स्कूल ने अतिरिक्त पुस्तकें खरीदवा दी है तो वे पुस्तके वापस कराकर पैसे भी वापस कराएं। यदि दुकानदार वापस नही करता है तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कहा कि यदि निरीक्षण मे ऐसी स्थिति पाई जाती है तो विद्यालय प्रबंधन एवं संबंधित दुकानदार दोनो के विरूध्द कार्यवाही की जाएगी।
उन्होने कहा कि संबंधित बोर्ड व्दारा मान्य पाठ्य पुस्तके ही विद्यालय में उपयोग की जाएं। इस स्थिति मे बोर्ड के पाठ्यक्रम बदलाव की स्थिति मे ही इस तरह की परिस्थिति होनी चाहिए । अनावश्यक पुस्तको के लिए अभिभावक पर किसी भी प्रकार का दबाव नही डालें । शासन के निर्देशानुसार बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खेल एक आवश्यक गतिविधि के रूप में शामिल है । निजी विद्यालयों व्दारा क्रीड़ा शुल्क प्राप्त किया जाता है, किंतु इसका उपयोग खेल गतिविधियों मे नही किया जाता है । विद्यालयों व्दारा क्रीड़ा अंशदान भी शासन के पक्ष में समय पर जमा नही किया जा रहा है । जो की नियम विरूध्द है ।
उन्होने कहा कि निजी विद्यालय प्रबंधन परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग व्दारा जारी दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें । विद्यालय में उपलब्ध स्वयं, अनुबंधित वाहनों के संबंध में संपूर्ण जानकारी विद्यालय प्रबंधन के पास होनी चाहिए । सभी वाहन परिवहन विभाग से पंजीकृत व मापदंड के अनुसार हो। विद्यालय प्रबंधन व्दारा छात्रों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की स्थिति में अभिभावकों से प्राप्त राशि नियम 3 के उप नियम 2 के खंड 4 अनुसार प्रस्तावित फीस संरचना में सम्मिलित की जाएगी । वाहन चालक तथा अन्य समस्त कर्मचारियों एवं शिक्षकों के विरूध्द किसी भी तरह का आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने संबंधी अनिवार्य रूप से पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाए। प्रत्येक वाहन में विद्यालय की ओर से परिवहन के दौरान शिक्षकों की ड्युटी लगाई जाए । वाहन मे क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को नही बैठाया जाए। वाहन शुल्क 10 माह का लिया जाए।
मान्यता के लिए स्पष्ट किया गया है कि राज्य शिक्षा केंद्र एवं जिला शिक्षा अधिकारी व्दारा जानकारी मांगी जाती है, उसे नियत समय में उपलब्ध कराए। राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकारी के ऐसे अनुदेशो का पालन करेगा जैसा कि स्कूल के संचालन की कमियों को दूर करने के लिए अथवा मान्यता व शर्ताे के निरंतर पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जारी किए किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि 69 विद्यालयों व्दारा जानकारी प्रस्तुत नही की गई है, जो स्पष्ट रूप से मान्यता शर्ताे का उल्लंघन है। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जानकारी उपलब्ध कराए अन्यथा उक्त विद्यालयों के विरूध्द मान्यता समाप्ति की कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी , सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग तथा जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान को निर्देशित किया है कि समस्त विद्यालयों के निरीक्षण हेतु दल गठित किए जाए जो निजी विद्यालयों में मप्र निजी विद्यालय नियम 2020 तथा मान्यता नियम , शर्ताे के अनुरूप तथा इस वर्ष की गई फीस वृध्दि की कार्यवाही एवं औचित्य का परीक्षण कर कलेक्टर के समक्ष एक माह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तु्त करेगे । यह भी निर्देशित किया कि इन नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित शाला की मान्यता समाप्त किए जाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत करें।
सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि निजी विद्यालयों के संचालक एवं प्राचार्य एक महीने के अंदर समस्त कार्यवाही को पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे । साथ ही शासन के निर्देशों के अनुरूप ही विद्यालयों का संचालन करें अन्यथा न्यायोचित कार्यवाही की जाएगी । शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत बच्चों का निःशुल्क स्कूलों में दाखिला कराए। आरटीई नियम के अनुसार योग्यता पूर्ण शिक्षकों की भर्ती करें ।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी आर एस मरावी, सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग डा पूजा व्दिवेदी, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान संजय सिंह बघेल, संयुक्त संचालक शिक्षा, ए.पी.सी. विनीत कुमार के.व्ही , सहित निजी विद्यालयों के संचालक, प्राचार्य उपस्थित रहे ।