मामा का हलधर अवतार : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झाबुआ जिले में रविवार को एक नए अवतार में नजर आए. हाथीपावा की पहाड़ी पर चल रहे हलमा में श्रमदान करने के लिए सीएम गैती (फावड़ा) लेकर पहुंचे. इस दौरान जल, जंगल और जमीन के संरक्षण का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने गैती से मिट्टी की खुदाई कर श्रमदान किया.
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शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान कहा कि हलमा परंपरा अपने आप में अनोखी है. इसके तहत अगर कोई अपने कार्य में पिछड़ गया हो, तो उसकी मदद होती है.यह परंपरा वसुधैव कुटुंबकम की भावना को साकार करती है.‘हलमा समन्वय, साझेदारी और परमार्थ की अद्भुत परंपरा है. भील समाज की यह महान परंपरा सामूहिकता से विश्व कल्याण का रास्ता दिखा रही है और अक्षय विकास का मॉडल हमें बता रही है.
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इस परंपरा के तहत जल, जंगल और जमीन के संरक्षण, संवर्द्धन हेतु श्रमदान किया. सीएम ने कहा कि आज मैंने हलमा के अवसर पर झाबुआ के हाथीपावा क्षेत्र की पहाड़ी पर जनजातीय भाई-बहनों के साथ श्रमदान कर जल संरक्षण व पौधरोपण इस प्रयास को प्रदेश स्तर पर रोल मॉडल बनाने की बात कह कर शिवगंगा की हलमा प्रथा की तारीफ की।
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Article By Aditya