मध्य प्रदेशस्टेट न्यूज

ये क्या जेल सुपरिटेंडेंट के सामने ही उनकी कुर्सी पर बैठ गई महिला प्रहरी देखते रह गया स्टाफ

भला ऐसा भी कही होता हैं की अधिकारी की कुर्सी पर मातहत कर्मचारी बैठ जाए वो भी तब जब अधिकारी सामने ही खड़ा हो, लेकिन एक आज ऐसा नजारा देखने को मिला की सबने दाँतों तलें अंगुलिय दबा ली, जब महिला प्रहरी जेल सुपरिटेंडेंट की कुर्सी पर बैठी और सुपरिटेंडेंट खड़े रहे

पूरा वाकया रतलाम की जिला जेल का हैं जहा सर्किल जेल रतलाम में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जेल में पदस्थ महिला स्टाफ का सम्मान किया गया, इतिहास में यह पहला मौका था जब रतलाम जिला सर्किल जेल में कोई महिला प्रहरी जेल सुपरिटेंडेंट की कुर्सी पर बैठी और सुपरिटेंडेंट खड़े रहे

यह भी पढ़ें : बिन दूल्हा मण्डप में दुल्हन ने रचा ली शादी

जेल सुपरिटेंडेंट लक्ष्मण सिंह भदौरिया ने बताया कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर हमने समस्त महिला स्टाफ का पुष्प गुच्छ भेंट किये साथ ही जेल की वरिष्ठ महिला प्रहरी कौशल्या बाई ने जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदौरिया की कुर्सी संभाली और रजिस्टरों को चेक किया l साथ ही ममता शर्मा ने जेलर ब्रजेश मकवाने की कुर्सी संभाली l  सीसीटीवी  से जेल की सुरक्षा पर निगरानी रखी और सभी कर्मचारियों को दिशा निर्देश भी दिए, सुपरिटेंडेंट भदौरिया का कहना था कि साल में अगर एक दिन भी कोई किसी महिला का सच्चाई से सम्मान कर सकता है तो ये गौरव की बात है हर आदमी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए.

वरिष्ठ महिला प्रहरी कौशल्या बाई ने जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदौरिया की कुर्सी सँभालते हुए

आपको बता दें की 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन धुरेड़ी का कार्यक्रम होने के कारण आज शाम ही अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन आयोजित होने कार्यक्रम को संपन्न किया गया.

जेल सुपरिटेंडेंट लक्ष्मण सिंह भदौरिया ने आगे कहा की एक महिला का पूरा जीवन पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में बीत जाता है। इनका बचपन पिता के साये में बीता है। अपने पिता के घर में भी उसे घर का काम करना पड़ता है और साथ ही उसे अपनी पढ़ाई भी जारी रखनी पड़ती है। इनका सिलसिला शादी तक चलता रहता है।

वरिष्ठ महिला प्रहरी कौशल्या बाई को दिया गया सम्मान

इस बीच, उसे घर के कामों के साथ-साथ पढ़ने-लिखने की दोहरी ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठानी पड़ती है, जबकि लड़कों के पास पढ़ने के अलावा कुछ नहीं होता। कुछ युवा तब ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पाते, जब उनके पास कोई और काम नहीं होता। इस नजरिए से देखा जाए तो महिलाएं हमेशा पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं, लेकिन उनसे ज्यादा जिम्मेदारियां भी अपने कंधों पर उठाती हैं। नारी का सम्मान ऐसे भी होता है।

यह भी पढ़ें : घूसखोर पटवारी : 5 हजार की रिश्वत लेते पटवारी रंगेहाथ हुआ गिरफ्तार

अन्य महिला प्रहरियों का भी किया गया सम्मान

यह भी पढ़ें : लोकायुक्त कार्यवाही: प्रभारी सीएमओ और बाबू रिश्वत लेने के आरोप में हुए गिरफ्तार

Artical by Aditya
follow me on facebook 

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: NWSERVICES Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker