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एक श्रद्धालु ने 11 किलो चांदी की जलाधारी की अर्पित ।
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पुराणों में मंगल ग्रह का जन्म स्थान है उज्जैन ।
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मंगल ग्रह की शांति के लिए अंगारेश्वर महादेव में पूजा विशेष फलदायी ।
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इस पूजा से मंगल ग्रह दोष की होती है शांति ।
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विवाह योग्य युवक-युवतियों के विवाह आ रही समस्याओं का होता है हल ।
पुराणों के अनुसार मंगल ग्रह का जन्म स्थान उज्जैन में माना गया है । इसलिए मंगल ग्रह की शांति के लिए यथा संभव अंगारेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा फलदायी मानी जाती है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पूजा से मंगल ग्रह दोष की शांति होती है ।उज्जैन के क्षिप्रा तट स्थित अंगारेश्वर महादेव मंदिर पर एक श्रद्धालु ने 11 किलो चांदी की जलाधारी अर्पित की है ।
श्री अंगारेश्वर महादेव ही भूमि पुत्र मंगल है । अवंतिका के प्राचीन 84 महादेवों में स्थित 43 वें महादेव श्री अंगारेश्वर महादेव जो कि सिद्धवट (वट्व्रक्ष) के सामने क्षिप्रा के उस पार स्थित है, जिन्हें मंगल देव (गृह) भी कहा जाता है । माना जाता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन इस महालिंग श्री अंगारेश्वर का दर्शन करेगा उनका फिर जन्म नही होगा । जो इस लिंग का पूजन मंगलवार को करेगा वह इस युग में कृतार्थ हो जाएगा, जो मंगलवार कि चतुर्थी के दिन अंगारेश्वर का दर्शन-व्रत-पूजन करेंगे वह संतान, धन, भूमि, सम्पत्ति, यश को प्राप्त करेगा । इनके दर्शन-पूजन से वास्तुदोष, भुमिदोष का भी निवारण होता है । न्यायालय में विजय प्राप्त होती है । इस लिंग पर भात पूजन करने से मंगल दोष, भूमि दोष का भी निवारण होता है ।
उज्जैन के क्षिप्रा तट स्थित अंगारेश्वर महादेव पर एक श्रद्धालु ने 11 किलो चांदी की जलाधारी अर्पित की है । अंगारेश्वर महादेव के मुख्य पुजारी पंडित मनीष उपाध्याय ने बताया कि अंगारेश्वर महादेव मंगल के देवता है और मंगल को शांत करने के लिए ठंडी वस्तुएं ही भगवान को अर्पित की जाती है । इसलिए यहाँ भात पूजा भी की जाती है । चांदी की तासीर भी ठंडी होती है इसलिए श्रद्धालु द्वारा चांदी की जलाधारी भगवान अंगारेश्वर को अर्पित की गई है । आपने बताया कि श्रद्धालु द्वारा यह गुप्त भेंट की गई है ।