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इंदौर के सेंट्रल जेल से  15 बंदी 15 अगस्त को किए गए रिहा हत्या सहित विभिन्न गंभीर अपराध थे दर्ज 

Sub Editor

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  • हत्या सहित विभिन्न गंभीर अपराध दर्ज थे बंदियों पर 
  • वर्षों तक सजा होने के बाद अच्छे व्यवहार के कारण दिया हुए बंदी 
  • जेल प्रशासन द्वारा की गई थी तमाम तरह की व्यवस्थाएं 
  • बंदियों पर हत्या सहित विभिन्न गम भरी अपराध दर्ज थे 
  • शासन द्वारा सजा में छूट मिलने के बाद रिहा हुए हैं बंदी
  • रिहा हुए बंधिया को उनका पारिश्रमिक शुल्क अभी भेंट किया गया 
  • आपराधिक वारदातों से दूर रहने की बंदियों ने ली शपथ

मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित सेंट्रल जेल से 15 बंदी रिहा हुए इस दौरान रिहा बंदियों को उनका जेल में किए गए पारिश्रमिक के रूप में नगद राशि जेल प्रशासन द्वारा भेंट की गई 15 बंदियों में अधिकांश बंदी गंभीर आपराधिक मामलों में बंद थे जिन पर हत्या सहित गंभीर अपराध दर्ज थे जो की रिया होने की खुशी उनके चेहरे पर नजर आ रही थी लेकिन अपराध को लेकर भी पछतावा देखा जा रहा था…।

दरअसल प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर सेंट्रल जेल से 15 बंदी दिया हुए जिन्हें लेने के लिए उनके परिजन भी पहुंचे परिजन ऑन के चेहरे पर खुशी के आंसू भी नजर आए तो वहीं दूसरी ओर जेल प्रशासन द्वारा तमाम कार्रवाई के बाद इन बंधिया को ढोल नगाड़े और मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं देने के साथ ही भविष्य में किसी तरह का कोई अपराध नहीं करने की शपथ भी दिलाई गई इसी के साथ इन बंधिया को जेल के अंदर जो उनके द्वारा पारिश्रमिक किया गया था उसका शुल्क अभी भेंट किया गया तो वहीं जेल के अंदर रहते हुए कई कैदियों ने अलग-अलग तरह से काम भी किया, कुछ लोगों ने जेल के अंदर रहते हुए फर्नीचर की कारीगरी की तो किसी ने कटोरी चम्मच बर्तन बनाने का काम किया और इस माध्यम से जो रुपया मिला वह रिहाई के दौरान इन बंदियों को दिया गया है, बता दे 15 कैदी जो रिहा हुए वह जेल के अंदर से तकरीबन दो लाख रूपए लेकर अपने घर जा रहे हैं वही एक बंदी को तकरीबन 48000 मिले हैं उसने जेल के अंदर रहते हुए अलग-अलग तरह के फर्नीचर बनाए थे इसी के चलते उसे 48000 का पारिश्रम मिला, वही जो बंदियों जेल के अंदर से रिहा हुए उनका कहना था की घटना को लेकर हमें काफी पछतावा है और उसका पश्चाताप भी हमने कर लिया है और अब कभी हम किसी भी तरह का कोई अपराध नहीं करेंगे। वहीं जेल के अंदर पत्नी के द्वारा आत्महत्या करने के बाद जिस पति को सजा मिली वह भी आज रिहा हुआ इस दौरान उसका कहना था की पत्नी ने शंका के चलते खुद ही आत्महत्या कर ली थी और पुलिस ने कार्रवाई कर मुझे दोषी पाया इसके बाद कोर्ट ने मुझे सजा दी और उसके बाद मैंने उस सजा का पश्चाताप किया।

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इंदौर
Sub Editor

आदित्य खबरीलाल न्यूज़ पोर्टल में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं।इन्हें डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में 5 वर्ष का अनुभव है।आदित्य टेक,ऑटो,मनोरंजन के साथ-साथ राजनीति, क्राइम और डेली इवेंट्स से जुड़ी खबरों में रुचि रखते हैं।आदित्य चौपाल से भोपाल, मध्यभूमि के बोल, स्टेट वॉइस, बुंदेली दर्शन सहित कई बड़ी न्यूज़ वेबसाइट के वेब डवलपर भी हैं। इन्हें आप 09977114944 पर संपर्क कर सकते हैं।
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