Gwalior News: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।रामकृष्ण-मिशन आश्रम के सचिव सुप्रदिप्तानंद से 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट के जरिये ठगी गयी 2 करोड़ 52 लाख की रकम दुबई के खातों में भी ट्रांसफर हुई है। रकम को ट्रांसफर करने के लिए क्रिप्टो करेंसी के हिडन ई-वॉलेट का इस्तमाल हुआ। जिसे ट्रैक करना SIT के लिए काफी कठिन है,फिलहाल मामले में एसआईटी (SIT) ठगों की तलाश कर रही है।
2 करोड़ 52 लाख रुपये के ठगी मामले में रामकृष्ण-मिशन आश्रम के सचिव सुप्रदिप्तानंद को 26 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की बड़ी वारदात की गई थी। ठग ने खुद को नागपुर पुलिस अधिकारी बताकर फोन किया था। इस दौरान ठगों ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें शामिल बताया।सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट भी बनाई। इसके साथ CJI के जरिये जारी गिरफ्तारी वारंट भी दिखाए।
इसके बाद वह ठगों के जाल में फंस गए और एक ही बैंक खाते में एक करोड़ 30 लाख रुपए की सबसे बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद मणिपुर केरल उत्तराखंड असम मध्य प्रदेश मणिपुर उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान दिल्ली के बैंक खातों में भी पैसा ट्रांसफर किया। इस तरह 16 बार में 10 बैंक खातों में सचिव ने 2 करोड़ 52 लाख रुपए की रकम ट्रांसफर कर दी। रकम आने के बाद आशंका है की दाल साजों ने यह पूरा पैसा 100 से ज्यादा बैंक खातों में कन्वर्ट किया है जिनमे दुबई के बैंक खाते भी शामिल है। जिसके लिए क्रिप्टो करेंसी का उपयोग किया गया। फिलहाल SIT,साइबर क्राइम बिंग और राज्य साइबर सेल की टीम जाँच में जुटी हुई है।
आपको बता दे कि शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट के बारे में जागरूक करने के बाद भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं। बदमाश पढ़ें लिखे और जानकार लोगों को भी अपने झांसे में ले लेते है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई केस नहीं होता है। लोगों को अनजान नंबर से फोन आने पर परिजन और पुलिस से संपर्क करना चाहिए, तभी डिजिटल अरेस्ट से बचा जा सकता।