वन विभाग और ओ फारेस्ट कम्पनी के बीच हुआ एग्रीमेंट जिले का महुआ अब बिकेगा ब्रिटेन में

Agreement between Forest Department and O Forest Company Mahua of the district will now be sold in Britain

वन विभाग और ब्रिटेन कम्पनी ओ फारेस्ट के बीच शनिवार को एमओयू में दस्तखत कर महुवा खरीदी-बिक्री पर करार किया गया है,अब जिले का महुआ सात समंदर पार भी जिले का नाम रौशन करेगा।वन मंडला अधिकारी एवं जिला लघु वन उपज संघ के प्रबंध संचालक मोहित सूद ने बताया कि शासन द्वारा तय की गई एक जिला-एक उत्पाद नीति के तहत उमरिया जिले के लिए महुआ फूल चयनित किया गया है। इसे संग्रहित कर ब्रिटेन कम्पनी ओ फारेस्ट को विक्रय किया जाएगा,इसका सीधा लाभ जिले के सैकड़ो संग्राहकों को होगा।ऑर्गेनिक सर्टिफाइड महुआ संग्राहकों से 110 प्रति किलो की दर से क्रय किया जाएगा,विक्रय राशि संग्राहकों के सीधे खाते में जायेगा,जिससे संग्राहकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी वही वन क्षेत्रों में आगजनी जैसी दूसरी घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा।डीएफओ मोहित सूद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि विभागीय स्तर पर संग्राहकों से 100 टन ऑर्गेनिक महुआ की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।प्रेस वार्ता के दौरान डीएफओ मोहित सूद के अलावा उप वनमण्डलधिकारी कुलदीप त्रिपाठी,वन परिक्षेत्राधिकारी उमरिया योगेश गुप्ता सहित कम्पनी के संचालक अनिल पटेल,साइंटिस्ट डॉ. सैम,रजिया शेख, प्रणव दुबे, पियूष सोनी एवं  सना मौजूद रहे।

500 पेड़,500 संग्राहक और 100 टन का लक्ष्य

ऑर्गेनिक महुआ संग्रहन के लिए महुआ संग्राहकों को ग्रीन नेट दी जायेगी,जो पेड़ के नीचे बांध दिया जाएगा ताकि महुआ नीचे धूल व मिट्टी से बचा रहे,फिर इसे सुखा कर संग्रहण केंद्रों पर लाया जाएगा,जहां विधिवत जांच होगी।बताया जाता है कि जांच टीम के अप्रूवल के बाद महुए की खरीद और भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया ओ फारेस्ट की सहयोगी कम्पनी मधु वन्या और वन विभाग की संयुक्त देखरेख मे होगी।ब्रिटेन कम्पनी के करार के बाद संग्राहकों को तीन गुने से अधिक का लाभ होने जा रहा है,पूर्व में वन विभाग 35 रुपये प्रति किलो की दर से संग्राहकों से महुआ ख़रीदी करता रहा है।

विदित हो कि ओ फारेस्ट और वन मंडल के बीच महुआ खरीद के करार के पूर्व शुक्रवार को कलेक्टर डॉ.केडी त्रिपाठी ने ग्राम मगरघरा में बैठक ली थी। जिसमे भारी तादात में संग्राहक सहित वन अधिकारी और ओ फ़ारेस्ट प्रतिनिधि मौजुद रहे है।उल्लेखनीय है कि जिले के करकेली,मगरघरा एवम ग्राम अचला से सटे वन क्षेत्र में 1500 के करींब महुआ पेड़ मौजूद है,विभागीय स्तर पर लक्ष्य के अनुरूप इन्ही वन क्षेत्रों को महुआ संग्रहण के लिए चिन्हित किया गया है,इस क्षेत्र में 500 के करींब संग्राहक है,जिन्हें इस करार के बाद सीधा लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

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