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मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या जाएगी 700 के पार हम फिर बनेगे टाईगर स्टेट – वनमंत्री विजय शाह

आज देश के प्रधानमंत्री मैसूर में कार्यक्रम के दौरान देश भर में हुई बाघ गणना के परिणाम घोषित करेगे लेकिन प्रधानमंत्री की घोषणा के पूर्व ही मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुवर विजय शाह ने दावा किया है की मध्यप्रदेश में बाघों के संरक्षण में जो काम किया हैं उसे दुनिया में किसी ने नही किया हैं.रिजल्ट तो रिजल्ट ही होता है पर अभी हम 526 टाईगर के साथ टाईगर स्टेट थे देश के प्रधानमंत्री जब परिणाम की घोषणा करेंगे तो हमारा दावा है की मध्य्प्रदेश में बाघों की संख्या 650 से 700 तक जाएगी और एक बार फिर मध्यप्रदेश टाईगर स्टेट बनेगा.

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मध्यप्रदेश की कर्नाटक से है टक्कर

आपको बता दें की प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर 9 अप्रैल को मैसूर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान पीएम  नरेन्द्र मोदी पिछले साल हुई चार वर्षीय बाघ गणना के  रिपोर्ट घोषित करेंगे। 2018 की गणना के बाद मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट के रूप में पहचान बना चुका है। इस बार भी मप्र की कड़ी टक्कर कर्नाटक से हो सकती है, क्योंकि पिछले बार कर्नाटक में 524 बाघ मिले थे। मप्र के जंगल में लगभग 700 वयस्क बाघ होने की संभावना है। साथ साथ  बांधवगढ़ में 150 से ज्यादा बाघ होने की संभावना है। कान्हा में बाघों की संख्या 110  के पार बताई जा रही है। 2018 की गणना के दौरान जो 60 से ज्यादा शावक एक साल से कम के थे, वे भी इस बार  2022 की गणना का हिस्सा बने हैं। इन्ही सभी वजहों से कयास लगाए जा रहे है की  मध्यप्रदेश के टाइगर स्टेट का दर्जा दूसरी बार भी कायम रहेगा.

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बाघों की मौत टाईगर स्टेट बनने में डाल सकती है रुकावट

बीते वर्षों में मध्यप्रदेश के टाईगर रिज़र्व में हुई बाघों की मौत भी मध्यप्रदेश के टाइगर स्टेट के दर्जे पर असर डाल सकती है. अकेले बांधवगढ़ में बाघों की मौत के आकड़ें काफी चिंताजनक है. 2014 की गणना में महज 714 बीट में 308 टाइगर देखे गए। 2018 में 1432 बीट में 526 टाइगर दिखाई दिए। 2022 की गणना में दो हजार से ज्यादा बीट में बाघ देखे जाने की जानकारी है। पिछली गणना में मध्यप्रदेश में 526 बाघ थे, जिनमें एक वर्ष के कम के लगभग 60 शावक गणना से छूट गए थे। टाइगर रिजर्व और सामान्य वन मंडलों में बाघ शावकों की संख्या लगभग 196 के आसपास थी और इन्ही आकड़ों के आधार पर  अनुमानित आंकड़ा 782 हो जाता है। 2019 से जून 2022 तक 125 बाघों की मौत हो गई थी, जिससे अनुमानित आंकड़ा 657 से ज्यादा या आसपास हो सकता है.

2018 की बाघ गणना के आंकड़े

मध्य प्रदेश 526, कर्नाटक 524, उत्तराखंड 442, महाराष्ट्र 312), तमिलनाडु 264, केरल और असम 190-190, उत्तर प्रदेश 173, राजस्थान 91, बंगाल 88,आंध्र प्रदेश 48, अरुणाचल प्रदेश 29, बिहार 31, ओडिशा 28, छत्तीसगढ़ 19, गोवा 3 तथा झारखंड 5 बाघ पाए गए थे.कुल 2,967 बाघ भारत में पाए गए थे.

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Article By Aditya

Sanjay Vishwakarma

संजय विश्वकर्मा (Sanjay Vishwakarma) 41 वर्ष के हैं। वर्तमान में देश के जाने माने मीडिया संस्थान में सेवा दे रहे हैं। उनसे servicesinsight@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। वह वाइल्ड लाइफ,बिजनेस और पॉलिटिकल में लम्बे दशकों का अनुभव रखते हैं। वह उमरिया, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने Dr. C.V. Raman University जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में BJMC की डिग्री ली है।

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