डिंडोरी बस स्टैंड में यह सुनकर सब हैरत में पड़ गए कि एक युवक थैले में बच्चे का शव लेकर घूम रहा है। जानकारी लगते ही मीडिया सक्रिय हो गया, तब मानवता को शर्मसार करने वाली इस पूरी घटना का खुलासा हुआ।
महिला की बड़ी बहन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 जून को सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई ने जिला चिकित्सालय में नवजात को जन्म दिया। बच्चा कमजोर था और उसका उपचार जिला चिकित्सालय डिंडोरी में संभव न होने के चलते बच्चे को मेडिकल कालेज जबलपुर रिफर कर दिया गया, जहां नवजात की मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद उन्हें बच्चे का शव वापस डिंडोरी तक लाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कोई साधन मुहैया नहीं करवाया। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी दंपत्ति निजी वाहन की व्यवस्था करने में सक्षम नही था। तब बेबस परिजनों ने नवजात बच्चे के शव को थैले में छिपा कर रख लिया ताकि बस संचालक और सहयात्रियों को इसकी जानकारी न लगे और वे बस से डिंडोरी पहुंच सके।
थैले में बच्चे का शव लेकर परिजनों के डिंडोरी पहुंचने की खबर लगते ही बस स्टैंड पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। नव दंपति की बेबसी और मानवता को झकझोर देने वाली इस घटना से लोग प्रदेश की सरकारी व्यवस्थाओं को कोसते रहे।
Article By Aditya
ऐसी और जानकारी सबसे पहले पाने के लिए हमसे जुड़े