विश्व प्रसिद्ध बांधों का टाइगर रिजर्व से आज पदको के लिए मायूसी भरी खबर सामने आई है। दरअसल पर्यटकों के लिए यूज्ड टू हो चुकी बाघिन कजरी पर आदमखोर होने का आरोप लगा है। बाकी कजरी को बांधवगढ़ प्रबंधन ने रेस्क्यू करके बहेरहा इन्क्लोजर में शिफ्ट कर दिया है।
बहेरहा इन्क्लोजर में किया गया शिफ्ट
बांधवगढ़ प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार विगत कुछ माहों से ग्राम दमना, गाटा एवं मझखेता आदि ग्रामों में मानव-वन्यप्राणी द्वन्द की स्थिति निर्मित हुई थी जिसके परिप्रेक्ष्य एल.एल. उईके क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया एवं पी. के. वर्मा उपसंचालक महोदय बाँ.टा.रि. उमरिया के निर्देशन में मानपुर एवं ताला परिक्षेत्र के वन कर्मियों के द्वारा दिन-रात गश्ती की गई। 06 हाथियों, पेट्रोलिंग वाहन, ट्रैप कैमरा, ड्रोन एवं सुरक्षा श्रमिको द्वारा पैदल गश्ती आदि की सहयोग से बाघिन की पहचान कर उसके मूवमेण्ट व स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही थी। और दिनांक 28/11/2023 को उक्त बाघ को बीट मझखेता के कक्ष क्रमांक पी.एफ.-356 से सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में रेस्क्यू टीम द्वारा बाघ का रेस्क्यू किया गया। बाघ के परीक्षण में वह स्वस्थ्य पाया गया। उक्त क्षेत्र से बाघ को हटाकर उसके व्यवहार अध्ययन हेतु उसे बहेरहा इन्क्लोजर में सुरक्षित छोड़ा गया।
कौन है बाघिन कजरी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला कोर जोन में अपने चार सब एडल्ट्स शावकों के साथ बाघिन कजरी पर्यटकों की आंखों का तारा बनी हुई थी। अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व बाघिन कजरी पर्यटको की गाड़ियों के बीच से गुजरती हुई जंगल की ओर प्रवेश की थी। ताला कोर ज़ोन में किनरवाह (वनवेही नाला) से लेकर दमनार क्षेत्र तक बाघिन कजरी का साम्राज्य (टेरिटरी) फैला हुआ था। बांधवगढ़ की प्रसिद्ध बाघिन स्पॉटी और बाघ मंगू की बेटी बाघिन कजरी अपने चार सब एडल्ट्स शावकों के साथ पर्यटकों को बड़ी आसनी से दिख जाती थी। बाघिन कजरी को इनक्लोजर में शिफ्ट किए जाने की खबर से पर्यटकों में मायूसी की लहर है। वही ताला कोर ज़ोन की शान कही जाने वाली बाघिन कजरी की अनुपस्थिति में ताला कोर ज़ोन में कजरी के अन्य तीन शावक माँ की तलाश में भटक रहे है।
बिछड़ गया बाघिन कजरी का कुनबा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से समय-समय पर ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आती हैं जब वन्य जीवों के बीच के भी अगर प्रेम को दर्शाती हैं, वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स का कहना है की बाघ शावक अपनी मां के साथ लगभग ढाई वर्ष तक साथ में रहते हैं उसके पश्चात धीरे-धीरे जंगल का कानून सिखाते-अलग रहना सीखते हैं और अपनी टेरिटरी बनाने का प्रयास करने लगते हैं। लेकिन बाघिन कजरी के एक शावक को 2 माह पूर्व माँ से दूर कर दिया गया था,वही अब जब बाघिन कजरी पर आदमखोर होने का आरोप लगा है तो उसे ही अन्य 3 शावकों से दूर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अचानक माँ से दूर होने पर तीनो शावक माँ की जंगल मे तलाश में जुटे हुए है।