- आपसी समन्वय, सहयोग तथा सुरक्षा के मानको को अपनाकर वन्य जीवों एवं मानव दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास आवश्यक- कमिश्नर
- वन्य जीवों विशेषकर हाथी के विचरण मार्ग का पूर्वानुमान लगाने तथा सुरक्षा उपाय अपनाने की दिशा में किया जा रहा है कार्य- संचालक नेशनल पार्क बांधवगढ़
- हाथियों एवं मानव अंर्तद्वंद रोकने के लिए शासकीय अमले एवं ग्रामीणों के मध्य समन्वय आवश्यक- वन संरक्षक पाण्डेय

संभाग में गत वर्ष 10 जंगली हाथियों की आकस्मिक दुर्घटना में मौत हो गई थी जो दुखद है। भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निर्णयात्मक योजना तैयार कर अमल में लाना आवश्यक है, इसके लिए बांधवगढ़ नेशनल पार्क तथा संजय दुबरी नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाले जिलों में जहा से वन्य जीवों विशेषकर हाथियों के समूह गुजरते है उन मार्गाें का चिन्हाकन तथा इसकी जानकारी आम जन तक पहुंचाकर सुरक्षा उपायो को अपनाने के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय, सहयोग तथा सुरक्षा के मानको को अपनाकर वन्य जीवों एवं मानव दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास करें। यह निर्देश आयुक्त शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता ने संभागीय मुख्यालय शहडोल में अमरकंटक सभागार में आयोजित वन्य जीवों एवं मानव सुरक्षा संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
इन विभागों के बीच हुई समन्वय बैठक
बैठक में बांधवगढ़ नेशनल पार्क के संचालक डॉ. अनुपम सहाय, वन संरक्षक शहडोल श्री अजय पाण्डेय, कलेक्टर शहडोल डॉ. केदार सिंह, कलेक्टर उमरिया श्री धरणेंद्र जैन, कलेक्टर अनूपपुर श्री हर्षल पंचोली, उपसंचालक बाधवगंढ़ नेशनल पार्क श्री पीके वर्मा, उप संचालक संजय नेशनल पार्क, शहडोल, उमरिया तथा अनूपपुर के वन मंडलाधिकारी, कृषि, उद्यानिकी, विद्युत मंडल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि वैज्ञानिक, पशु चिकित्सा विभाग,लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें।

आयुक्त शहडोल संभाग ने दिए ये आवश्यक निर्देश
आयुक्त शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता ने कहा कि हम सब शासकीय सेवक है, जन सेवा ही हम सब का लक्ष्य है सभी लोग संवेदनशीलता से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। आपने निर्देश दिए कि वन्य जीवों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं का अध्ययन कर आवश्यक दवाओं तथा पीएम किट की व्यवस्था रखी जाए, पशु चिकित्सा विभाग के अमले को वन्य जीवों की चिकित्सा संबंधित प्रशिक्षण दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को सुरक्षात्मक उपायो को अपनाने के लिए जागरूक किया जाए। वन क्षेत्रों से गुजरने वाली विद्युत लाइन के निर्धारित ऊचाई तथा विद्युत लाइन की समय-समय पर मरम्मत की जाए। जिन मार्गाें से हाथियों का विचरण होता है वहां क्राप पैर्टन में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह की अनुसार परिवर्तन किया जाए। इन क्षेत्रों में करौदा, लेबन ग्रास, कैक्टस आदि कृषि गतिविधियां प्रोत्साहित की जाए।

लगाई जाए शिकार पर रोक : फील्ड डायरेक्टर BTR
बैठक में संचालक बाधवगढ़ नेशनल पार्क डॉ. अनुपम सहाय ने कहा कि वन्य जीवों विशेषकर हाथी के विचरण मार्ग का पूर्वानुमान लगाने तथा सुरक्षा उपाय अपनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आपने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों के विचरण की सूचना हेतु अलार्म सिस्टम, मिर्ची की धुंआ, सोलर फैंसिग आदि गतिविधिया की जा रही है। आपने वन क्षेत्रों में एन्सुलेटेड, विद्युत वायर का उपयोग करने तथा बिजली के नंगे तार बिछाकर वन्य जीवों के शिकार पर रोक लगाए जाने हेतु सूचना प्रणाली तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के पुराने कुओं में गिरने से मौत की घटनाएं प्रकाश में आई है इसके लिए ऐसे कुओं का चिन्हाकन कर उपयोग में आने वाली कुओं में मुरेड बनवाने तथा अनुपयोगी कुओ को मनरेगा योजना से बंद कराने का सुझाव भी दिया।
विद्युत लाइन में किया जाए सुधार: वन संरक्षक
बैठक में वन संरक्षक अजय पाण्डेय ने कहा कि हाथियों एवं मानव अंर्तद्वंद रोकने के लिए शासकीय अमले एवं ग्रामीणों के मध्य समन्वय आवश्यक है। आपने कहा कि विद्युत मंडल द्वारा जिन वन क्षेत्रों में विद्युत लाइनों को बदलने का काम किया जा रहा है वहां विभाग को पृथक से अनुमति लेने की आवश्यकता नही है। आपने हाथी विचरण वाले प्रभावित गांवो में सूचना प्रणाली मजबूत करने हेतु स्थानीय लोगो के समूह तैयार करने की भी आवश्यकता बताई।
डिप्टी डायरेक्टर BTR ने बताई रणनीति
बैठक में उप संचालक बाधवगढ नेशनल पार्क उमरिया पीके वर्मा ने बताया कि गत वर्ष हाथियों की मौत की दुर्घटना के बाद घटना के कारणों तथा उन्हें रोकने हेतु अध्यन के पश्चात् रणनीति तैयार कर अमल में लाई जा रही है। आपने बताया कि हाथियों के विचरण मार्गाें की जानकारी रखी जाती है, हाथियों को रेडियो कॉलर पहनाकर उनके व्यवहार की जानकारी रखी जाती है। जिन ग्रामों से हाथियों का विचरण देखने में आया है वहां जन जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही हाथी मित्र बनाए गए है, चरवाहा सम्मेलन कर लोगो को जागरूक किया गया है तथा सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराया गया है। कुछ ग्रामोंमें स्टीट लाइट तथा वाटसअप ग्रुप तैयार किये गए है। लोगो को हाथियों के विचरण के दौरान शांति बनाए रखने तथा उनके विचरण को प्रभावित नही करने का सुझाव दिया गया है।
नुकसान पर राहत राशि शीघ्र प्रदान करने की हो पहल : कलेक्टर
कलेक्टर शहडोल डॉ. केदार सिंह ने कहा कि दुर्घटना के बाद लोगो को नुकसान पर राहत राशि शीघ्र प्रदान करने हेतु वन, राजस्व एवं कृषि विभाग के संयुक्त टीम से निरीक्षण कराकर शीघ्र प्रतिवेदन मिलने पर राशि का वितरण समय पर किया जा सकता है। कलेक्टर उमरिया धरणेंद्र जैन ने कहा कि हाथियों की सुरक्षा के साथ-साथ मानव की सुरक्षा भी इतनी की महत्वपूर्ण है। प्रभावित ग्राामों में कंट्रोल रूम तथा शीघ्र कम्यूनिकेशन की व्यवस्था आवश्यक है। कलेक्टर अनूपपुर श्री हर्षल पंचोली ने कहा कि तकनीकी सहायता हेतु ऐप बेस मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
विद्युत लाइन की बढाई जाए ऊचाई : डीएफओ उमरिया
डीएफओ उमरिया विवेक सिंह ने वन क्षेत्रों से गुजरने वाले रेल विद्युत लाइन की ऊचाई बढाने, वन्य जीवों के पासिंग मार्ग में सेंसर लगाए जाने तथा क्रांसिंग पुल बनाए जाने का सुझाव दिया। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा नेशनल पार्काें में वाइल्ड लाइफ आधारित सर्व सुविधायुक्त पशु चिकित्सालय उपलब्ध कराने तथा विभागीय अमले को वन्य जीवों के प्रशिक्षण कराने का सुझाव दिया। कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिको द्वारा वन्य जीवों के विचरण वाले क्षेत्र में क्राप पैटर्न बदलने का सुझाव दिया गया।
वन्य क्षेत्रों में प्रदूषित जल स्त्रोतो का उपयोग वन्य जीव नही करे इसके लिए समय-समय पर इन जल स्त्रोतो का क्लोरीनीकरण करने का सुझाव दिया। विद्युत मंडल के अधिकारियों ने वन क्षेत्रो में पुरानी बिजली लाइनों के जीर्णाेद्धार कराने की बात कही। बैठक में शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, कटनी, सतना तथा सीधी जिलों के विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें।